BHRAMAR KA DARD AUR DARPAN

Sunday, November 6, 2011

ईद -उल- जुहा -त्याग और वलिदान का त्यौहार


ईद -उल- जुहा -त्याग और वलिदान का त्यौहार

बकरीद ,जिसे हम ईद-उल -जुहा के नाम से अधिकतर जानते पहचानते हैं , हमारे मुस्लिम भाइयों का एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्यौहार है जो साल में एक बार मनाया जाता है और पैगम्बर अब्राहिम की  याद     में  होता है जिन्होंने अपने पुत्र इस्माइल को स्वेच्छा से मक्का के पास  बलि  दिया था/देना चाहा था खुदा के सम्मान में , फिर खुदा ने उन्हें उसके एवज में बकरे की बलि की मंजूरी दी थी और तब से आज तक त्याग के प्रतीकात्मक रूप में  , ये प्रथा जारी है .ये धू -अल-हिज्जाह इस्लामिक कलेंडर के बारहवें महीने में मनाया जाता है जिसमे की विशेष रूप से प्रार्थनाएं की जाती हैं और एक दुसरे को तोहफा भेंट किये जाते हैं . हमारे यहाँ ये नवम्बर मॉस में चाँद देख के इस कलेंडर के हिसाब से मनाया जाता है .

इस त्यौहार को पूरे विश्व भर में जोशो खरोश और बहुत ही उत्साह , आनंद के साथ मनाया जाता है .इसे वलिदान का त्यौहार या बड़ी ईद माना जाता है .हज के बाद तीर्थ यात्री या हाजी खुदा से क्षमा मांग उनका आशीष ले लेते   हैं  ! ईद की प्रार्थनाएं सुन्दर वस्त्रों से सज धज किसी ईदगाह या मस्जिद में शांति और अपने प्रिय की ख़ुशी की कामना से  की जाती हैं

बकरीद की प्रार्थनाओं के बाद लोग अपने रिश्तेदारों , पड़ोसियों में इसी चढ़ाये हुए उपहार का आदान प्रदान करते हैं और खुशियाँ फैलाते हैं ! तो त्याग और वलिदान करते हैं वे अपने लिए मात्र छोटा सा हिस्सा ही रख बाकी सब बाँट देते हैं !


ये धू -अल-हिज्जाह मॉस में तीन   दिनों   तक मनाई  जाती है !


हम चूंकि इस समबन्ध में अल्पज्ञानी हैं इस लिए कुछ अशुद्धियों हेतु क्षमा के साथ अपने सभी मुस्लिम भाइयों और अन्य भाइयों को भी ईद-उल-जुहा की ढेर सारी शुभ-कामनाएं देते हैं -सब खुशहाल रहें -त्याग करें केवल स्वार्थी बनें और हर हालत में मानव और मानवता का धर्म निभाएं हमें बरगलाने वाले और अपनी झोली भरने वालों से सदा बचें !



हर त्यौहार अनोखा हो , लोग गले मिलें झूमें -खुशियाँ इस धरा पर बरसें ये चमन ये  गुल गुलशन  खिला रहे ! आबाद रहे ....

भ्रमर  
७.११.२०११ 
यच पी 

दे ऐसा आशीष मुझे माँ आँखों का तारा बन जाऊं

5 comments:

  1. बढ़िया सामयिक जानकारी के लिए धन्यवाद..
    ईद उल जुहा की आपको भी हार्दिक बधाई..

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  2. कविता जी आप को भी ढेर सारी शुभ कामनाएं प्रोत्साहन हेतु आभार
    भ्रमर 5

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  3. alkargupta1 के द्वारा November 8, 2011
    ईद से सम्बंधित जानकारी प्रदान करने के लिए बहुत धन्यवाद शुक्ला जी !

    surendra shukla bhramar5 के द्वारा November 8, 2011
    आदरणीया अलका जी त्यौहार पर हम खुशियाँ बिखेरें कुछ असहनीय न हो कहीं बुराइयों से बचें तो कितना सुन्दर हो .आभार आप का प्रोत्साहन हेतु अपना स्नेह यों ही बरकरार रखें
    भ्रमर ५
    nishamittal के द्वारा November 8, 2011
    ज्ञान वर्धन हेतु धन्यवाद

    surendra shukla bhramar5 के द्वारा November 8, 2011
    आदरणीया निशा जी धन्यवाद आप का ,
    रचना कुछ कह सकी सुन हर्ष हुआ – आइये त्योहारों को खुशियों से सराबोर करें और बुराइयों से बच के चलें
    भ्रमर ५
    akraktale के द्वारा November 7, 2011
    आदरणीय सुरेन्द्र जी सादर नमस्कार,
    आपने ईद-उल-जुहा पर बहुत ही रोचक जानकारी दी है.हम लोग तो सिर्फ मीठी ईद और बकरीद के नाम से दो ईद के पर्व जानते हैं.फिरभी अब जबकि अब्दुल रशीद जी छुट्टी से लौट कर आ चुके हैं तो वह ही इससे अधिक कुछ जानकारी बता सकें तो बेहतर होगा. मै आपके ब्लॉग के माध्यम से आदरणीय रशीद जी, सैयद जी और सभी मुस्लिम भाइयों को ईद की शुभकामनाएं देता हूँ. आभार.

    surendra shukla bhramar5 के द्वारा November 8, 2011
    प्रिय अशोक जी बहुत बहुत आभार आप का आप ने हमारे सभी मुस्लिम भाइयों को शुभ कामनाएं और बधाई दी आइये ऐसे ही त्योहारों पर खुशियाँ बिखेरें और सब से कामना करें की कम से कम एक दिन वे बुराइयों को ताक पर यों ही रखते रहें ये दिन कुछ अनोखा हो ..बुराई किसी की सगी नहीं होती
    आदरणीय रशीद जी, सैयद जी और सभी मुस्लिम भाइयों को ईद की शुभकामनाएं देता हूँ.
    भ्रमर ५
    Rajkamal Sharma के द्वारा November 7, 2011
    http://shuklabhramar5.jagranjunction.com/2011/11/07/ईद-उल-जुहा-त्याग-और-वलिदान/
    aadarniy भ्रमर जी …..सादर प्रणाम !
    आपने वाकई में तारीफ के काबिल काम किया है जो ईद के त्यौहार से जुड़ी हुई जानकारिया प्रदान करते हुए
    सर्व धर्म एक की भावना को मजबूत किया है …..
    सभी धर्म बुरे करम और बुरी आदतों तथा बुरे संस्कारों का त्याग करने के बारे में ही कहते है …..
    अच्छा सन्देश देती हुई आपकी इस रचना के लिए
    मुबार्कबाद और मंगलकामनाये
    न्ये साल तक आने वाले सभी त्योहारों की बधाई (शब्बा खैर)





    http://rajkamal.jagranjunction.com/2011/11/05/“भ्राता-राजकमल-की-शादी”/

    surendra shukla bhramar5 के द्वारा November 8, 2011
    प्रिय राज भाई आज आप का बिलकुल अनोखा रंग देखने को मिला बहुत ही हर्ष हुआ एक हास्य और व्यंग्यकार अगर अपने को kisi वक्त इससे बचा ले अपने मन पर काबू कर ले सुन्दर भाव लिख जाए तो क्यों बुरे लोग अपने मन पर काबू नहीं कर सकते उन्हें इस से सीख लेना चाहिए आप ने मेरा ही लिंक यहाँ लगाया क्या राज है ..शायद आप मेरी पोस्ट पर नहीं पहुँच पाए थे ?
    बहुत बहुत आभार और आप की हर बातें यहाँ लिखी प्रेरक
    शुभ कामनाएं
    भ्रमर ५
    malkeet singh jeet के द्वारा November 7, 2011
    badhiya jankaiyan di aabhar

    surendra shukla bhramar5 के द्वारा November 8, 2011
    मलकीत भाई धन्यवाद प्रोत्साहन के लिए आइये त्यौहार को त्यौहार सा ही मनाएं जो हर दिल को ख़ुशी दे
    भ्रमर 5

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  4. डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक (उच्चारण) ने कहा…
    बहुत उम्दा!
    --
    आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल मंगलवार के चर्चा मंच पर भी की गई है! सूचनार्थ!

    सोमवार, ७ नवम्बर २०११ ६:२२:०० अपराह्न IST

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  5. Surendra shukla" Bhramar"5 ने कहा…
    आदरणीय शास्त्री जी बहुत बहुत आभार आप का प्रोत्साहन हेतु ..ये लेख आप के मन को छू सका और आप ने मानव धर्म को सम्मान दे इसे चर्चा मंच पर स्थान दिया ,,बड़ी ख़ुशी हुयी अपना स्नेह बनाये रखें
    भ्रमर ५
    बाल झरोखा सत्यम की दुनिया
    भ्रमर का दर्द और दर्पण

    मंगलवार, ८ नवम्बर २०११ ८:०८:०० अपराह्न I

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दे ऐसा आशीष मुझे माँ आँखों का तारा बन जाऊं
अभिनन्दन आप का ,हिंदी बनाने का उपकरण ऊपर लगा हुआ है -आप की प्रतिक्रियाएं हमें ऊर्जा देती हैं -शुक्ल भ्रमर ५