BHRAMAR KA DARD AUR DARPAN

Showing posts with label नवरात्रि. Show all posts
Showing posts with label नवरात्रि. Show all posts

Wednesday, October 6, 2021

मां शैल पुत्री











*नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं*
*माँ भगवती आप सब की सारी मनोकामना पूर्ण करें* 
*माँ दुर्गा से मेरी प्रार्थना है कि ...*
*आप सब को सदा खुश रखें, सभी  स्वस्थ, धन, वैभव लाभ करें  मां की ममता , प्रेम , शौर्य से सभी समृद्धिशाली बनें, और आप सब प्रतिदिन नित नई सफलता की नई कहानी लिखें*
*जय माता दी*
*शुभ प्रभात*
मार्कण्डेय पुराण के अनुसार, देवी का शैलपुत्री नाम हिमालय के यहां जन्म होने से पड़ा। मां शैलपुत्री को अखंड सौभाग्य का प्रतीक भी माना जाता है। इनकी पूजन विधि कुछ इस प्रकार है।

1)मां की पूजन विधि

सबसे पहले चौकी पर माता शैलपुत्री की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें। इसके बाद गंगा जल या गोमूत्र से शुद्धिकरण करें। चौकी प

र चांदी, तांबे या मिट्टी के घड़े में जल भरकर उस पर नारियल रखकर कलश स्थापना करें। उसी चौकी पर श्रीगणेश, वरुण, नवग्रह, षोडश मातृका (16 देवी), सप्त घृत मातृका (सात सिंदूर की बिंदी लगाएं) की स्थापना भी करें। इसके बाद व्रत, पूजन का संकल्प लें और वैदिक एवं सप्तशती मंत्रों द्वारा मां शैलपुत्री सहित समस्त स्थापित देवताओं की षोडशोपचार पूजा करें। इसमें आवाहन, आसन, पाद्य, अर्घ्य, आचमन, स्नान, वस्त्र, सौभाग्य सूत्र, चंदन, रोली, हल्दी, सिंदूर, दूर्वा, बिल्वपत्र, आभूषण, पुष्प-हार, सुगंधित द्रव्य, धूप-दीप, नैवेद्य, फल, पान, दक्षिणा, आरती, प्रदक्षिणा, मंत्र पुष्पांजलि आदि करें। तत्पश्चात प्रसाद वितरण कर पूजन संपन्न करें।  

वन्दे वांछित लाभाय चन्द्राद्र्वकृतशेखराम्। वृषारूढ़ा शूलधरां यशस्विनीम्॥

अर्थ- देवी वृषभ पर विराजित हैं। शैलपुत्री के दाहिने हाथ में त्रिशूल है और बाएं हाथ में कमल पुष्प सुशोभित है। यही नवदुर्गाओं में प्रथम दुर्गा है। नवरात्रि के प्रथम दिन देवी उपासना के अंतर्गत शैलपुत्री का पूजन करना चाहिए।

नवरात्र के 9 दिन भक्ति और साधना के लिए बहुत ही पवित्र माने गए हैं। इसके पहले दिन शैलपुत्री की पूजा अर्चना की जाती है। शैलपुत्री हिमालय राज की पुत्री हैं। हिमालय पर्वतों का राजा है। वह अडिग है, उसे कोई हिला नहीं सकता। जब हम भक्ति का रास्ता चुनते हैं तो हमारे मन में भी भगवान के लिए इसी तरह का अडिग विश्वास होना चाहिए, तभी हम अपने लक्ष्य तक पहुंच सकते हैं। यही कारण है कि नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है।
नित्य कवच , कीलक, अर्गला श्रोत का पाठ करें दुर्गा सप्तशती का विधिवत पाठ कर मां  का ध्यान करें।
...............
सुरेंद्र कुमार शुक्ल भ्रमर 5
प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश भारत।
🙏🙏🙏🙏🙏

दे ऐसा आशीष मुझे माँ आँखों का तारा बन जाऊं