BHRAMAR KA DARD AUR DARPAN

Friday, March 18, 2022

सरयू तट राम खेलें होली सरयू तट


सरयू तट राम खेलें होरी सरयू तट
सिया राम की है अनुपम जोड़ी, सरयू तट

कनक भवन में रंग है बरसे
मात पिता परिजन हिय हुलसे.. सरयू तट

सजे बजे प्रभु राम हैं निकले
ले हुलियारों की टोली ..सरयू तट
उछल कूद चहुं धूम मची हैं
अंगनाई घर उड़त अवीरा ..सरयू तट
गावत फाग मृदंग मजीरा
खींचत राम लखन सब वीरा ..सरयू तट
लालायित दर्शन हर मन घर
मिलत गले हंसि हंसि रघुवीरा..सरयू तट
बाल सखा सब रंग डारे हैं
महल गली सब भीरा अवध , सरयू तट

गुझिया कचोड़ी भरी सीता रसोई
आवा आवा सखी सीता लई आई, सरयू तट
सिया राम संग होली खेलब
भरि भरि फूल गुलाब बाड़ी, सरयू तट


कारे मुख वाले बंदरा भी राम को भाएं
चला घूमि आई सब हनुमान गढ़ी , सरयू तट

श्री राम के हाथ कनक पिचकारी
सीता दुलहीन के हाथ अबीरा , सरयू तट
लहर उठे हिय हुलस रहे सब
खुशी साजन तो नाचें सजनिया, सरयू तट
बरसहि सुमन गगन हैं ठाढ़े
देवी देवतन रूद्र मंडलियां , सरयू तट
ढोलक थाप से गूंजा अवध है
डूबे नैनन में सब रघुवीरा सरयू तट

सरयू तट राम खेलें होरी सरयू तट
सिया राम की है अनुपम जोड़ी, सरयू तट

सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर5
प्रतापगढ़ अवध
उत्तर प्रदेश , भारत

दे ऐसा आशीष मुझे माँ आँखों का तारा बन जाऊं

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दे ऐसा आशीष मुझे माँ आँखों का तारा बन जाऊं
अभिनन्दन आप का ,हिंदी बनाने का उपकरण ऊपर लगा हुआ है -आप की प्रतिक्रियाएं हमें ऊर्जा देती हैं -शुक्ल भ्रमर ५