BHRAMAR KA DARD AUR DARPAN

Thursday, July 28, 2011

उनकी ये जुल्फ- घनेरे बादल हैं



उनकी ये जुल्फ- घनेरे बादल हैं

World's Longest Hair (3)
हाथी की सूंड बने
कभी तूफ़ान – कहर ढाते हैं


उनकी मुस्कान – दांत है चपला
1097249980rpl7lk.jpg-teeth
बज्र सी चीर – कभी
दिल को —–चली जाती है




उनकी ये चाल हिरनी सी
बड़ी पापिन है
पीछे खींचे ये -खरगोश के जैसी
शेर के मुंह में -
बड़े प्यार से ——-ले जाती है

(फोटो साभार वर्ल्ड्स लांगेस्ट हेयर और /गूगल/नेट से लिया गया )

शुक्ल भ्रमर ५
जल पी बी २८.७.११ – ८.20 -पूर्वाह्न


दे ऐसा आशीष मुझे माँ आँखों का तारा बन जाऊं

20 comments:

  1. सुन्दर रचना.

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  2. शुक्ल जी धन्यवाद आप का -प्रोत्साहन और रचना को पसंद करने के लिए
    शुक्ल भ्रमर ५

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  3. कवि की कल्पना अद्भुत है

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  4. बहुत सुन्दर रचना! बधाई!
    मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
    http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/

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  5. sundar
    aap aapke bare my neche math daliye
    taki koe kole to aap ke bare may jankari mile upar daliye..........
    mare yhi ray

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  6. प्रिय रविकर जी अच्छा लगा आप का निमंत्रण का तरीका --चर्चा मंच रंग खिला रहा है -धन्यवाद
    भ्रमर ५

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  7. प्रिय सागर जी अच्छा लगा -आप आये आप के समर्थन के लिए आभार और धन्यवाद -
    भ्रमर ५

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  8. आदरणीया संगीता जी अच्छा लगा -आप भ्रमर के दर्पण में आयीं -हाँ कल्पना कवी की कुछ अजीब है -बेवफाई के दौर में - आभार और धन्यवाद -
    भ्रमर ५

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  9. प्रिय बबली जी रचना आप को पसंद आई अच्छा लगा -प्रोत्साहन के लिए आभार और धन्यवाद -
    भ्रमर ५

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  10. प्रिय विद्या जी रचना आप को पसंद आई अच्छा लगा -प्रोत्साहन के लिए आभार और धन्यवाद -
    आप की राय ठीक है -अपने बारे में जानकारी ऊपर कर देंगे
    भ्रमर ५

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  11. प्रिय राजेश कुमारी जी रचना आप को पसंद आई-कल्पना कुछ अलग लगी बेवफा ... अच्छा लगा -प्रोत्साहन के लिए आभार और धन्यवाद -

    भ्रमर ५

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  12. सुरेन्द्र सिंह झंझट जी रचना आप को पसंद आई-कल्पना कुछ अलग लगी न बेवफा की ... अच्छा लगा -प्रोत्साहन के लिए आभार और धन्यवाद -

    भ्रमर

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  13. सुषमा आहुति जी रचना आप को पसंद आई-खूबसूरत लगी न बेवफा की ... अच्छा लगा -प्रोत्साहन के लिए आभार और धन्यवाद -

    भ्रमर ५

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  14. bahut hi sundar
    link: http//bachpan ke din-vishy.blogspot.com//

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  15. विषय जी रचना सुन्दर लगी आप को सुन हर्ष हुआ .हमारे अन्य ब्लॉग भी पढ़ें और अपना सुझाव और समर्थन दें
    शुक्ल भ्रमर ५

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  16. खरगोश का संगीत राग रागेश्री
    पर आधारित है जो कि खमाज थाट का
    सांध्यकालीन राग है, स्वरों में कोमल
    निशाद और बाकी स्वर शुद्ध लगते हैं, पंचम
    इसमें वर्जित है, पर
    हमने इसमें अंत में पंचम का
    प्रयोग भी किया है, जिससे इसमें राग बागेश्री भी झलकता है.

    ..

    हमारी फिल्म का संगीत
    वेद नायेर ने दिया है... वेद जी को अपने संगीत कि प्रेरणा जंगल
    में चिड़ियों कि चहचाहट से मिलती है.
    ..
    Also visit my web-site : खरगोश

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दे ऐसा आशीष मुझे माँ आँखों का तारा बन जाऊं
अभिनन्दन आप का ,हिंदी बनाने का उपकरण ऊपर लगा हुआ है -आप की प्रतिक्रियाएं हमें ऊर्जा देती हैं -शुक्ल भ्रमर ५