BHRAMAR KA DARD AUR DARPAN

Sunday, June 26, 2011

श्रद्धांजलि

श्रद्धांजलि 

हमारे बेहद करीबी रहे प्रबंधक श्री दुर्गा प्रसाद पाण्डेय जी( १९५७-२५.०६.२०११)  ,



 जो की पावरग्रिड के बिद्युत संचरण लाईन में जालंधर से चमेरा के   प्रोजेक्ट निर्माण कार्य में कार्यरत  थे -और इस समय कुल्लू हिमाचल में तैनात थे -वहां से वे अपने गृह डोमरियागंज सिद्धार्थनगर उ.प्र. गए हुए थे -२३.६.११ को एक शादी में शामिल होने के लिए -लौटते समय लखनऊ में रुके और २५.६.११ की रात्रि में  वहीँ  उन्हें दिल का दौरा पड़ जाने के कारण  पी जी आई लखनऊ अस्पताल  ले जाया गया जहाँ  उनका देहावशान  हो गया - और वे  हम सब को व्यथित पीड़ित छोड़ चले गये -

उन्होंने बहुत सी विपरीत परिस्थितियों-आतंक के साये  में भी जम्मू और कई अन्य राज्यों में विद्युत् पारेषण लाईन में सफलता पूर्वक कार्य किया- इस क्षेत्र में वे माहिर थे -और सभी से उनका अद्भुत लगाव था -वे सब से अपने पद को भूल - खुले  दिल से बातचीत  करते -हँसते हंसाते और काम के प्रति   प्रेरित  करते रहते  थे ! 

उनका योगदान , नेतृत्त्व और कार्य कुशलता हमेशा याद रखी जाएगी - आज  हम सभी उनके दुःख में  शामिल हो उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते  हैं !

प्रभु से हम प्रार्थना  करते हैं की उनकी आत्मा को शांति दे और उनके घर परिवार को इस अथाह दुःख को झेल सकने का सामर्थ्य प्रदान करे ताकि वे अपनी भविष्य की जिम्मेदारियों का निर्वहन कर सकें !

आइये प्रभु से दुआ करें की असमय किसी को इस तरह का दर्द न दें -

व्यथित मन से उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करते 

सुरेन्द्र कुमार शुक्ल "भ्रमर" ५ 
जल पी बी 
२६.०६.२०११ 




दे ऐसा आशीष मुझे माँ आँखों का तारा बन जाऊं

4 comments:

  1. ईश्वर उनकी आत्मा को शान्ति एवं परिवार को सहनशक्ति दे |

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  2. आदरणीय रविकर जी इस दुःख कि घडी में आप ने श्रद्धांजलि दी दुवाएं की हम आप के आभारी हैं

    शुक्ल भ्रमर ५

    भ्रमर का दर्द और दर्पण

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  3. इश्वर उनकी आत्मा को शांति दे
    श्रधांजलि

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  4. आशुतोष जी -आभारी है आप के आप इस दुःख की घडी में वेदना को शांत करने और श्रद्धा सुमन करने पहुंचे


    शुक्ल भ्रमर ५

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दे ऐसा आशीष मुझे माँ आँखों का तारा बन जाऊं
अभिनन्दन आप का ,हिंदी बनाने का उपकरण ऊपर लगा हुआ है -आप की प्रतिक्रियाएं हमें ऊर्जा देती हैं -शुक्ल भ्रमर ५