छटपटाया बहुत चाँद
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रात बारिस बहुत जोर की थी प्रिये
देख चेहरा तेरा चाँद में खो गया
चाँद भी टिमटिमाता रहा रात भर
फब्तियां कुछ कसे दूर से उड़ चले
कुछ चिढाये डरा जैसे छू ही लिए
लाल भूरे कई दौड़े छू के गए
कारे कजरारे गरजे डराते रहे
छटपटाया बहुत चाँद निकला जरा
राह थोड़ी कभी मुझसे मिलता रहा
छुप भी जाता कभी श्वेत आँचल रहा
मुझसे छुप छुप के नजरें मिलाता रहा
दूर मजबूर बंधन मै जकड़ा रहा
मै चकोरा अरे चाँद तू है मेरा
गूंगा गुड खाए मस्ती में बढ़ता रहा
बोल ना मै सका गर्जनाएं बढीं
छटपटाता रहा चाँद डरता रहा
लाख मिन्नत भरी राह करता रहा
काले बादल अरे ! दानवों से बढे
तम था गहराया लील चन्दा लिए
चाँद आता है क्यों चांदनी देने को ?
हो अँधेरा यहाँ रातें काली रहें
देव -मानव रहें डर से भयभीत हो
चमकी आँखें मेरी कौंध बिजली पडी
चाँद मुस्काया बांछें मेरी खिल गयीं
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all the photos taken from google//net with thanks
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all the photos taken from google//net with thanks
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सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर ५
७. ५ ० पूर्वाह्न -८. १ ० पूर्वाह्न
१४ . ६ . २ ० १ ३
दे ऐसा आशीष मुझे माँ आँखों का तारा बन जाऊं
बहुत बढ़िया,सुंदर प्रस्तुति,,,बधाई
ReplyDeleteRecent post: एक हमसफर चाहिए.
प्रेरणादायी अति सुन्दर रचना..
ReplyDelete:-)
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 27/06/2013 को चर्चा मंच पर होगा
ReplyDeleteकृपया पधारें
धन्यवाद
आदरणीय दिलबाग जी आभार आप का रचना आप के मन को छू सकी सुन ख़ुशी हुयी चर्चा मंच के लिए इसे आप ने चुना अच्छा लगा
ReplyDeleteभ्रमर ५
संजय भाई जय श्री राधे ..रचना की गहराइयों को आप ने समझा और ये प्रेरणा दाई लगी सुन ख़ुशी हुयी
ReplyDeleteआभार
भ्रमर ५
आदरणीय धीरेन्द्र भाई प्रोत्साहन के लिए आभार
ReplyDeleteभ्रमर ५
सुन्दर और भाव पूर्ण रचना बहुत अच्छी लगी सुरेन्द्र जी |
ReplyDeleteआशा
आदरणीया आशा जी जय श्री राधे स्वागत है आप का इस मंच पर ....रचना आप को अच्छी लगी और आप का स्नेह मिला ख़ुशी हुयी आभार
ReplyDeleteभ्रमर ५
उत्तम प्रस्तुति ... भावपूर्ण प्रस्तुति ...
ReplyDeleteबहुत सटीक लिखा है ...बेहतरीन भाव हैं
ReplyDeleteअनुपम भाव संयोजन लिए बेहतरीन भावभिव्यक्ति।
ReplyDeleteआदरणीय दिलबाग जी बहुत सुन्दर चर्चा रही ..आज के हालत की छवियाँ दिल छू गयीं ..मेरे ब्लाग से भी आप ने छटपटाया बहुत चाँद को चुन हर्ष हुआ
ReplyDelete..जय श्री राधे ..बधाई
भ्रमर ५
आपकी यह उत्कृष्ट रचना कल दिनांक 30 जून 2013 को http://blogprasaran.blogspot.in/ ब्लॉग प्रसारण पर लिंक की गई है , कृपया पधारें व औरों को भी पढ़े...
ReplyDeleteआपकी यह उत्कृष्ट रचना कल दिनांक 30 जून 2013 को http://blogprasaran.blogspot.in/ ब्लॉग प्रसारण पर लिंक की गई है , कृपया पधारें व औरों को भी पढ़े...
ReplyDeleteबहुत ही उत्कृष्ट ,, बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति .. आपकी इस रचना के लिंक की प्रविष्टी सोमवार (01.07.2013) को ब्लॉग प्रसारण पर की जाएगी. कृपया पधारें .
ReplyDeleteप्रिय नीरज जी जय श्री राधे रचना आप के मन को छू सकी लिखना सार्थक रहा चर्चा मंच के बाद ब्लॉग प्रसारण के लिए इसे फिर से आप ने भी चुन बहुत ख़ुशी हुयी
ReplyDeleteआभार
भ्रमर ५
चमकी आँखें मेरी कौंध बिजली पडी
ReplyDeleteचाँद मुस्काया बांछें मेरी खिल गयीं
खुबसूरत खुबसूरत और खुबसूरत
चमकी आँखें मेरी कौंध बिजली पडी
ReplyDeleteचाँद मुस्काया बांछें मेरी खिल गयीं
खुबसूरत खुबसूरत और खुबसूरत
प्रिय रमाकांत जी अभिनंदन है आप का इस ब्लॉग पर रचना आप के मन को छू सकी लिखना सार्थक रहा आभार
ReplyDeleteभ्रमर ५
प्रिय नीरज जी जय श्री राधे चर्चा मंच के पश्चात इस रचना को आप ने भी ब्लॉग प्रसारण के लिए चुना बहुत ख़ुशी हुयी आभार
ReplyDeleteभ्रमर ५
ReplyDeletedhanyvad<ahref=”http://surenshuklabhramar.blogspot.com/”
dhanyvad,<ahref=”http://surenshuklabhramar.blogspot.com/”
ReplyDeleteवाह ! शानदार प्रस्तुति . एक - एक शब्द का चयन बहुत ही खूबसूरती से किया गया है .बधाई .
ReplyDeleteमेरा ब्लॉग स्वप्निल सौंदर्य अब ई-ज़ीन के रुप में भी उपलब्ध है ..एक बार विसिट अवश्य करें और आपकी महत्वपूर्ण टिप्पणियों व सलाहों का स्वागत है .आभार !
website : www.swapnilsaundaryaezine.hpage.com
blog : www.swapnilsaundaryaezine.blogspot.com
-स्वप्निल शुक्ला
स्वप्निल जी बहुत अच्छा लगा आपने इस रचना को सराहा और अपने नए वेब साईट की जानकारी भी दी हमने देखा बिभिन्न विषय पर सुन्दर लेखन और उपयोगी ...
ReplyDeleteभ्रमर ५