BHRAMAR KA DARD AUR DARPAN

Sunday, October 31, 2021

धन्यवाद हे प्रभु तुम्हे है

धन्यवाद हे प्रभु तुम्हे है मानव कर सब दिया खजाना। तू ही जाने क्यों भेजा है मुझको तो बस करते जाना **** धन्यवाद अम्मा बाबू का मिट्टी से सच घड़ा बनाया लाखों कष्ट सहे होंगे पर सच्चरित्र गुण सभी सिखाया ****** प्रथम गुरु संग सभी गुरु का धन्यवाद करते ना थकता अज्ञानी मैं मूढ़ बड़ा था प्रभु रहस्य आनंदित रहता ******* धन्यवाद सब जीव जगत हे! प्रकृति गोद सब मिल कर खेले खुशी खुशी कल पंच तत्व में कुछ रहस्य दे के फिर ले ले ****** धन्यवाद सब सखा सहेली मूक क्या वरने गुड़ की भेली तरु पादप हम प्रभु ही माली भूमंडल बस एक पहेली ***** धन्यवाद है मां शारद की ज्योति जगत फलदाई देखा चातक सी बस प्यास ज्योति की कर्म प्रबल पर मिटे न रेखा ***** आओ खेलें झूमें बोलें सीखे उनसे हैं प्रभु मूरत घृणा क्रोध ईर्ष्या से बच लें खो जाएं हम प्रभु की सूरत। ****** सुरेंद्र कुमार शुक्ल भ्रमर 5 प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश भारत। 1.11.2021 दे ऐसा आशीष मुझे माँ आँखों का तारा बन जाऊं

No comments:

Post a Comment

दे ऐसा आशीष मुझे माँ आँखों का तारा बन जाऊं
अभिनन्दन आप का ,हिंदी बनाने का उपकरण ऊपर लगा हुआ है -आप की प्रतिक्रियाएं हमें ऊर्जा देती हैं -शुक्ल भ्रमर ५