BHRAMAR KA DARD AUR DARPAN

Sunday, August 7, 2011

भीष्म -शैय्या पर पड़े


भीष्म -शैय्या पर पड़े
आज आप “भीष्म ” शैय्या पर पड़े
इतने दिन सब कुछ सहे
आराम से खून देते जा रहे हैं
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दीजिये -ख़ुशी है














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लेकिन हम मच्छर नहीं


की केवल अपना पेट भर के
आप को छोड़ देंगे
हमारी तो पूरी जमात है





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घर है परिवार है
और जब आप चेतना शून्य हो जायेंगे

तो हम सब आप के चाहने वालों को

घर परिवार को

आप की जमात को



एक -एक कर
बुला लेंगे
सुला देंगे
इसी शैय्या पर
खून देते रहने के लिए
MH900447141






(सभी फोटो साभार गूगल/नेट से लिया गया )
सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर ५
२८.७.२०११ जल पी बी
४.२९ पूर्वाह्न
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दे ऐसा आशीष मुझे माँ आँखों का तारा बन जाऊं

7 comments:

  1. ये भारतीय राजनीती के इटली से आयातित खतरनाक मच्छर है..या तो इन्हें मरो या खुद मरो
    सुन्दर रचना

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  2. प्रिय आशुतोष भाई सच कहा आप ने इस ने तो हर जहर से बचना सीख लिया है बाहर इलाज करा लेता है सब बेकम हो रहे हैं इस पर असर ...
    अब तो सब को झाड़ू उठा सफाई अभियान में लगना होगा

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  3. बहुत गहरी बात कहती व्यंगात्मक पंक्तियाँ....

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  4. आदरणीय डॉ मोनिका शर्मा जी अभिवादन आप ने कविता में गूढ़ भावों को समझा सराहा आभार आप का आइये सब मिल इस बात को समझें और कुछ करें -भ्रमर ५

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  5. मदन शर्मा ने कहा…
    बहुत अच्छा सार्थक चिंतन है !
    सहमत हूँ आपसे !!
    मेरा निवेदन है आपसे की आप भी बेहतर भारत के लिए 16 अगस्त से अन्ना के आन्दोलन के साथ जुड़ें!

    August 09, 2011 4:49 PM


    मदन शर्मा ने कहा…
    यह अपना नुकसान करके दूसरे से अपनी बात मनवाना एक गांधीवादी तरीका है। एक अहिंसक तरीका है किसी जिद्दी व्यक्ति या संस्था की आत्मा को झकझोरने का। जब अपनी ताकत पर मगरूर संस्थाएं कुछ भी सुनने को तैयार नहीं होतीं, तब ऐसे हथियार का सहारा लिया जाता है।

    August 09, 2011 4:51 PM


    Surendra shukla" Bhramar"5 ने कहा…
    मदन भाई बहुत सुन्दर विचार आप के हम आप क्या हम तो सभी से ये गुजारिश करते हैं की जो भी जहाँ कहीं भी हो इस भ्रष्ट व्यस्था के खिलाफ वहीं से अपने क्षेत्र से आवाज बुलंद करे जिस भी क्षेत्र से आप जुड़े हों वहीँ से शुरू हो जाइये .......शायद दिल्ली दूर है ....तो सब का पहुंचना वहां संभव न हो ...पर जो भी काम आप कर सकते हैं अपने स्तर पर उससे पीछे मत हटियेगा
    हमारी कोशिश जारी है
    भ्रमर ५

    August 09, 2011 5:53 PM

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  6. बेहतरीन तरीके से मनोदशा का चित्रण किया है..लाजवाब......गहन अनुभूति....

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  7. संजय जी -भीष्म शैया पर पड़े रचना में गहन अनुभूति मिली सुन हर्ष हुआ प्रोत्साहन हेतु धन्यवाद आप का
    स्वतंत्रता दिवस और राखी की हार्दिक शुभ कामनाएं

    भ्रमर ५

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दे ऐसा आशीष मुझे माँ आँखों का तारा बन जाऊं
अभिनन्दन आप का ,हिंदी बनाने का उपकरण ऊपर लगा हुआ है -आप की प्रतिक्रियाएं हमें ऊर्जा देती हैं -शुक्ल भ्रमर ५