BHRAMAR KA DARD AUR DARPAN

Wednesday, October 19, 2011

"मौन"



जब मेरे विचार
 उनसे मेल नहीं खाते 
उहापोह की स्थिति 
मन बोझिल 
उन्होंने तो कसम खा  रखी है 
समझौता ना करने की 
जिद है एक तानाशाह सी 
उनके अन्दर 
न बदलने की 
अहम् ब्रह्मास्मि की आदत 
बात बात पर रूठ जाने की 
अपनी ही कहने 
और प्रभावी बनाने की 
सच तो सच है 
कहाँ दबता है ??
हमें कुरेदता है 
तुम सही हो तो डर कैसा ?
आज नहीं तो कल जानेंगे 
मानेंगे वे भी कभी तो 
मृत्युशैय्या तक ...
सोच सोच मै पगलाता हूँ 
वाणी में प्रवाह जोश 
एक उबाल आता है 
सब कुछ बदल देने को 
आसमान सर पर उठा लेने को 
मन करता है 
पर तभी मेरा उनसे भी अजीज 
प्यारा साथी साथ निभाता है 
"मौन" -एकाकीपन 
दीवारें -छत -गूढ़ दुनिया 
गहराई में डूब जाता हूँ 
बड़ा सुकूँ पाता हूँ 
अगणित विचारों से 
जाग जाग रातों में 
न जाने क्या क्या बतियाता हूँ 
इधर से तीर  चलता हूँ 
खुद ही उसे काट जाता हूँ 
कुछ दिन में फिर गहराई से 
उथले पानी बाह्य दुनिया दिखावा की 
इस जगती में आता हूँ 
ढाल तलवार छोड़ 
उन्हें फिर से गले लगा लेता हूँ 
वही सोच ..
सच कभी दबता नहीं 
वे जानेंगे मानेंगे 
आज नहीं तो कल 
मृत्युशैय्या  तक ......

सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर 
४.२५ पूर्वाह्न २०.१०.२०११
जल पी बी 



दे ऐसा आशीष मुझे माँ आँखों का तारा बन जाऊं

23 comments:

  1. प्रिय सुरेन्द्र सिंह झंझट जी अभिवादन और आभार प्रोत्साहन हेतु ...सच में व्याकुल आकुल मन बहुत कुछ ऐसे ही करता है .
    भ्रमर ५

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  2. sushma 'आहुति' has left a new comment on your post ""मौन"":

    bhaavpurn abhivaykti....

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  3. प्रिय सुषमा जी रचना प्यारी लगी सुन हर्ष हुआ आभार आपका
    भ्रमर 5

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  4. बहुत खूब, बधाई.


    कृपया मेरे ब्लॉग पर भी पधारने का कष्ट करें.

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  5. बेहद सुंदर भावपूर्ण रचना ...बेहतरीन अभिव्‍यक्ति ।

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  6. रचना चर्चा-मंच पर, शोभित सब उत्कृष्ट |
    संग में परिचय-श्रृंखला, करती हैं आकृष्ट |

    शुक्रवारीय चर्चा मंच
    http://charchamanch.blogspot.com/

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  7. आदरणीय यस यन शुक्ल जी बहुत बहुत आभार प्रोत्साहन के लिए ..आप के यहाँ हम आये दिवाली मनाये ..दिवाली की हार्दिक शुभ कामनाएं अग्रिम रूप से
    भ्रमर ५

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  8. प्रिय अमरेन्द्र अमर जी बहुत बहुत आभार प्रोत्साहन के लिए ..रचना सुन्दर लगी हर्ष हुआ ..ये मौन सच में जानदार है ..दिवाली की हार्दिक शुभ कामनाएं अग्रिम रूप से
    भ्रमर ५

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  9. प्रिय रविकर जी बहुत बहुत आभार आप का स्नेह सर आँखों पर ..अपने सुझाव भी देते रहें ..दिवाली की हार्दिक शुभ कामनाएं अग्रिम रूप से ...
    भ्रमर ५

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  10. चर्चा मंच से आज आपकी इस पोस्ट तक आना हुआ.बहुत अच्छी रचना बधाई

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  11. मौन अक्सर अपने अन्दर झाँकने का सरल उपाये है। और मौन से हम खुद के करीब आते हैं अच्छा लगता है कै बात खुद का खुद के पास लौट आना। आजकल कुछ कम सक्रिय हूँ लेकिन जल्दी ही लौटती होऔँ शुभकामनायें\

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  12. सच कभी दबता नहीं...।
    अच्छी कविता।

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  13. नमस्कार,
    आप के लिए "दिवाली मुबारक" का एक सन्देश अलग तरीके से "टिप्स हिंदी में" ब्लॉग पर तिथि 26 अक्टूबर 2011 को सुबह के ठीक 8.00 बजे प्रकट होगा | इस पेज का टाइटल "आप सब को "टिप्स हिंदी में ब्लॉग की तरफ दीवाली के पावन अवसर पर शुभकामनाएं" होगा पर अपना सन्देश पाने के लिए आप के लिए एक बटन दिखाई देगा | आप उस बटन पर कलिक करेंगे तो आपके लिए सन्देश उभरेगा | आपसे गुजारिश है कि आप इस बधाई सन्देश को प्राप्त करने के लिए मेरे ब्लॉग पर जरूर दर्शन दें |
    धन्यवाद |
    विनीत नागपाल

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  14. प्रिय कानू जी आभार ..चलिए कहीं से ही सही चर्चा मंच सुन्दर है ..सब मिल जाएँ ..इस जीवन धरा में बहते बहते बस ..
    भ्रमर५

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  15. आदरणीया निर्मला जी आभार ..सब स्वस्थ रहें सब शुभ हो जब वक्त मिले तो सक्रिय होइए आइयेगा
    भ्रमर ५

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  16. आदरणीय महेंद्र जी आभार ..बिलकुल सत्य वचन आप के समस्याएं बहुत आती हैं पर सच को दबा देना आसान नहीं
    भ्रमर ५

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  17. आदरणीय वनीत नागपाल जी आभार ..दीवाली में बाहर रहा आप का सन्देश देख नहीं सका आप की कोशिश सराहनीय है

    भ्रमर ५

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  18. आदरणीया मृदुला जी आभार ..प्रोत्साहन हेतु अपना स्नेह यों ही बनाये रखें

    भ्रमर ५

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  19. sumandubey के द्वारा October 23, 2011
    भ्रमर जी नमस्कार , मौन शब्द से ज्यादा ताकत रखता है दीपावली की शुभ कामनाये .

    surendra shukla bhramar5 के द्वारा October 31, 2011
    सुमन जी आप को भी ढेर सारी हार्दिक शुभ कामनाये दिवाली सब के मन को ज्योति से भर दे यही आस सदा लगी रहती है …मौन सच में बहुत शक्ति देता है शब्द उसके आगे फीके …
    आभार प्रोत्साहन हेतु
    भ्रमर ५
    syeds के द्वारा October 23, 2011
    भ्रमर जी,
    ख़ामोशी में बहुत आवाज़ होती है,अच्छी रचना के लिए बधाई….
    दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं
    http://syeds.jagranjunction.com

    surendra shukla bhramar5 के द्वारा October 31, 2011
    प्रिय सैयद जी आप को भी ढेर सारी शुभ कामनाएं ..ख़ामोशी में सच बड़ा दम है ..रचना अच्छी लगी सुन मन खुश हुआ
    आभार आप का
    भ्रमर ५
    abodhbaalak के द्वारा October 21, 2011
    भ्रमर जी
    सुन्दर रचना के लिए बंधाई स्वीकार करें
    कभी कभी शब्दों का अकाल पद जाता है की आपकी रचना पर क्या लिखों

    http://abodhbaalak.jagranjunction.com/

    surendra shukla bhramar5 के द्वारा October 31, 2011
    प्रिय अबोध भाई अकाल में एक एक दाने का बड़ा महत्त्व होता है जैसे वैसे यहाँ आप के एक शब्द और ……का भी ..कृपया अपना स्नेह बरसाते रहें कुछ भी लिखिए और सुझाव दीजिये ..
    आभार आप का
    भ्रमर ५
    akraktale के द्वारा October 20, 2011
    आदरणीय सुरेद्रजी नमस्कार,
    बहुत ही अच्छी रचना से आपने मौन की महत्ता को प्रदर्शित किया है. अवश्य ही मौन से हमारे सुनने और समझने की शक्ति में वृद्धि होती है.आभार.

    surendra shukla bhramar5 के द्वारा October 31, 2011
    प्रिय अशोक भाई बिलकुल सटीक कहा आप ने मौन से हमें बहुत ही एकाग्रता मिलती है और सुनने समझने में मदद मिलती है ..एक अजीब शांति और ऊर्जा भी ..
    आभार आप का प्रोत्साहन हेतु
    भ्रमर ५
    Santosh Kumar के द्वारा October 20, 2011
    आदरणीय भ्रमर जी ,.सादर प्रणाम
    मौन की शक्ति बहुत है ,.जब हम मौन होते हैं तो खुद (आत्मा-परमात्मा) से जुड़ जाते हैं ,…सुन्दर रचना ..हार्दिक साधुवाद

    surendra shukla bhramar5 के द्वारा October 31, 2011
    प्रिय संतोष जी सच वक्तव्य आप का सच में बड़ी शक्ति दृष्टिगोचर होती है इसमें आत्मा और parmatma तक का मिलन ..सुन्दर सोच आप की ..तार से तार जुड़ बहुत कुछ हमें दे जाते हैं ..
    आभार आप का
    भ्रमर ५
    roshni के द्वारा October 20, 2011
    शुक्ल जी नमस्कार
    मौन ही है जो हमे खुद से मिलवाता है .. दो पल मौन के साथ बीतने से जो सकूं मिलता है वोह और कही नहीं होता
    सुंदर रचना
    आभार सहित

    surendra shukla bhramar5 के द्वारा October 31, 2011
    रौशनी जी बिलकुल सच कहा कभी कभी जब सब कुछ साथ छोड़ जाता है यह हमारे दिल से लग साथ निभाता है उर्जा देता है ..और फिर कुछ करने की चाह और सुकून …
    धन्यवाद आप का
    भ्रमर ५
    jlsingh के द्वारा October 20, 2011
    भ्रमर जी, नमस्कार!
    बहुत ही सुन्दर भाव लिए हुए –ऐसा लगता है समुद्र में गोते लगा रहा हूँ. मौन में मुस्का रहा हूँ.
    सच कभी दबता नहीं
    वे जानेंगे मानेंगे
    आज नहीं तो कल
    मृत्युशैय्या तक ……
    हार नहीं मानूंगा—-

    surendra shukla bhramar5 के द्वारा October 31, 2011
    प्रिय जवाहर जी आप ने समुद्र में गोता लगाया कुछ भाव आप के मन को छू सके इस रचना के सुन हर्ष हुआ आइये आशा बनाये रखें आज नहीं तो कल तो वे जरुर मानेंगे जानेगें झुकेंगे भी …
    आभार आप का भ्रमर 5

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  20. Dr.KAILASH DWIVEDI के द्वारा October 20, 2011
    वाणी में प्रवाह जोश
    एक उबाल आता है……………..पर तभी मेरा उनसे भी अजीज
    प्यारा साथी साथ निभाता है
    “मौन” -एकाकीपन
    वास्तव में मौन ऐसा अस्त्र है जो दुर्गम से दुर्गम परिस्थितियों से निवृत्ति करा देता है | बहुत सुन्दर भाव ………..बधाई !

    surendr shukla bhramar5 के द्वारा October 20, 2011
    प्रिय कैलाश जी बिलकुल सच कहा आप ने मौन में बड़ी शक्ति है दम है …कभी कभी मन में खलबलाहट में हम बहुत कुछ सोच जाते हैं करने को मन उद्यत होता है लेकिन करते नहीं और बाद में परिणाम अच्छा हो जाता है तब यह लगता है की अच्छा हुआ हम मौन रह गए …ऊर्जा तो देता ही है यह
    आभार आप का
    भ्रमर ५
    sadhana thakur के द्वारा October 20, 2011
    भ्रमर जी ,बहुत अच्छी कविता ,,दीपावली की शुभकामनाये ……..

    surendr shukla bhramar5 के द्वारा October 20, 2011
    आदरणीया साधना जी अभिवादन और प्रोत्साहन के लिए आभार आप को भी दिवाली की ढेर सारी शुभ कामनाएं अग्रिम रूप से कहीं दिवाली पर यहाँ वहां भटकते रहे तो शायद ….
    हमारे अन्य सभी मित्रों को भी ढेर सारी हार्दिक शुभ कामनाएं सब का मन रोशन हो ..घर बार जगमगाता रहे …
    भ्रमर ५
    alkargupta1 के द्वारा October 20, 2011
    शुक्ल जी ,
    वे जानेंगे मानेंगे
    आज नहीं तो कल
    मृत्यु शैया तक…….
    बहुत अच्छी पंक्तियाँ……बढ़िया रचना !
    .

    surendr shukla bhramar5 के द्वारा October 20, 2011
    आदरणीया अलका जी आभार और अभिवादन ..सच में कितने दिन बचेंगे ..कभी न कभी झंडे तले तो आना ही है ..भ्रमर ५
    manoranjan thakur के द्वारा October 20, 2011
    बहुत सुंदर
    सत्य
    सच

    surendr shukla bhramar5 के द्वारा October 20, 2011
    मनोरंजन जी अभिवादन और आभार रचना के कुछ सत्य झलका ..सुन हर्ष हुआ
    आभार
    भ्रमर ५
    Abdul rashid के द्वारा October 20, 2011
    सुरेन्द्र जी नमस्कार
    आपने सही कहा आज नहीं तो कल
    दीपावली की हार्दिक सुभकामनाओ ke साथ
    सप्रेम
    अब्दुल रशीद
    http://singrauli.jagranjunction.com

    surendr shukla bhramar5 के द्वारा October 20, 2011
    प्रिय रशीद जी अभिवादन ..प्रोत्साहन के लिए आभार …..सच कहा आप ने कभी तो जागेंगे वे ….आप को भी दिवाली की ढेर सारी शुभ कामनाएं ..
    भ्रमर ५

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दे ऐसा आशीष मुझे माँ आँखों का तारा बन जाऊं
अभिनन्दन आप का ,हिंदी बनाने का उपकरण ऊपर लगा हुआ है -आप की प्रतिक्रियाएं हमें ऊर्जा देती हैं -शुक्ल भ्रमर ५