BHRAMAR KA DARD AUR DARPAN

Sunday, October 16, 2011

कलम के धनी रविकर जी द्वारा भ्रमर का परिचय चर्चा मंच पर १४-१०.२०११

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सुरेन्द्र शुक्ल " भ्रमर "5



एक सरल सीधा भावुक इन्सान -मुझे नफरत, भेद-भाव ,अन्याय, घृणा ,भ्रष्टाचार, अनाचार, दुराचार और वे बहुत सी बातें जो जायज नहीं हैं बिलकुल ही नहीं सुहाती हैं |
-बच्चों और फूलों से प्यार है |
-जो दोस्ती के काबिल हैं उनसे दोस्ती रखना पसंद है |
-माँ बाप को अंत तक चाहने वाले पसंद हैं |
-नारियों को उनका यथोचित सम्मान देने वाले पसंद है |
-नारियां व पुरुष जो अपने भारत की संस्कृति को आज भी अपने दिल से लगाये हैं और अंधी दौड़ में शामिल नहीं हैं बहुत पसंद हैं |
-बच्चों को शिक्षित बनाने वाले और अनुशासन प्रिय लोग बहुत पसंद हैं |
-और ढेर सारे प्यारे बेबाक ईमानदार लोग जो इस श्रेणी में आते हैं पूजनीय और वन्दनीय हैं |
-जय हिंद जय भारत
शुक्ल भ्रमर ५ भ्रमर का दर्द और दर्पण


http://charchamanch.blogspot.com/2011/10/667.html
आदरणीय दिनेश गुप्त "रविकर जी ",http://www.blogger.com/profile/00288028073010827898
बहुत बहुत आभार आप का ...हमारे प्रिय मित्रो के बारे में संजीदा जानकारी और एक दुसरे से परिचय कराने का जो नायाब तरीका और सिलसिला आप ने आरम्भ किया है वह काविले तारीफ़ है ..प्रभु आप की लेखनी में और धार दें और बुलंदियों तक आप को पहुंचाएं ...
आप ने मेरा भी यानी "भ्रमर" का परिचय  मित्र गण से कराया मन खुश हुआ नहीं तो हम वन्जारों से देश दुनिया में भटकने वालों के पास इतना वक्त कहाँ की सब कभी मिल एकाकार हो जाएँ दिल की कह सकें सुन सकें इस चिटठा जगत के माध्यम से एक प्रयास सतत चलता रहता है की दुनिया में शांति कायम हों सब को भरपेट भोजन मिले और सुकून भरी प्यारी जिन्दगी ...
झरने सा कल कल बहते पत्थरों के बीच रगड़ते घिसते खेत बाग़ वन जंगल पहाड़ियों आदि हर  समाज के बीच हमेशा एक सुन्दर सन्देश पहुँचाना और जो कुछ भी संभव हो भला करना .........
वसुधैव कुटुम्बकम की खातिर ....एक लक्ष्य है ..काश हमारे सभी प्रिय नागरिक एक स्वच्छ समाज सुसंस्कृति भावी पीढ़ी तैयार करें और इस देश को बुलंदियों तक पहुंचाएं ताकि हमारा भारत अपना सच्चा स्थान दुनिया की चोटी  पर चढ़ पा ले अपना तिरंगा फहराए हम फिर शास्त्रार्थ  में ज्ञान से सब को मात दे दें ...
अनुरागी भ्रमर ५ 
जल पी बी 
१५.०५.२०११ 



दे ऐसा आशीष मुझे माँ आँखों का तारा बन जाऊं

11 comments:

  1. sacci bhavnayein..acchi soch..shaandar shabd ..jaandar lekh...badhayee aaur amantran ke sath

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  2. khoobsoorat hai aapkaa andaaz bramar ji

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  3. Abdul Rashid के द्वारा October 17, 2011
    प्रिय भ्रमर जी नमस्कार
    सुन्दर विचार
    दीपावली की हार्दिक सुभकामनाओ के साथ
    सप्रेम
    अब्दुल रशीद
    http://www.aawaz-e-hind.in

    surendr shukla bhramar5 के द्वारा October 17, 2011
    प्रिय रशीद जी हार्दिक शुभ कामनाएं आप को दीवाली सब के दिलों को रोशन करे हमारे अन्दर एक अद्भुत ज्योति जागे जिसकी आज हमें बहुत जरुरत है और हम सब संकीर्णता से निकल एक वृहद् जगत स्थापित कर शान्ति और शुकून भरी जिन्दगी जी लें
    आभार
    भ्रमर ५
    nishamittal के द्वारा October 17, 2011
    शुक्ल जी धन्यवाद रविकर जी का .आपके साथ मंच शेयर करते हुए आपकी बहुत सारी विशेश्तायों से हम भी अवगत हो चुके हैं.

    surendr shukla bhramar5 के द्वारा October 17, 2011
    आदरणीया निशा जी आभार आप का सच कहा आप ने इसे हम उनका एक उत्तम कार्य मान सकते हैं आइये सब मिल एक सोच रखें विद्वानों का सम्मान हो और उन्हें आदर मिले हम केवल पैसों के पीछे ही किसी का सम्मान न करने जाएँ
    भ्रमर ५
    naturecure के द्वारा October 16, 2011
    धन्यवाद रविकर जी का जिन्होंने आपके विषय में इतनी सारी जानकारी दी |

    surendr shukla bhramar5 के द्वारा October 17, 2011
    प्रिय डॉ कैलाश जी आभार आप का ..सच ये भी एक सराहनीय कार्य ही है उन्होंने कवि लेखक मित्रों के बारे में जानकारी इकट्ठी करके चर्चा मंच पर परिचय कराया आज के व्यस्ततम जीवन में साहित्य के लिए समय निकालना और अच्छे कार्यों को बढ़ावा और सम्मान देना निःसंदेह एक उत्तम कार्य ही है -
    आभार आप का
    भ्रमर ५

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  4. बहुत खूब !देश और समाज के प्रति समर्पित पोस्ट .भावपूर्ण राष्ट्रप्रेम से संसिक्त .बधाई भ्रमर जी आपका ज़ज्बा सलामत रहे .वीरू भाई के आपको प्रणाम .

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  5. आदरणीय वीरू भाई जी आप हार्दिक आभार और नमन आप के विचारों का और आप जैसे सभी विद्वानों का ..मै तो बस आप सब के पीछे पीछे चलकर इस देश के लिए कुछ करने का .समाज को कुछ प्यार और शांति देने का जज्बा और लक्ष्य लिए निकला हूँ जहाँ आप सब का साथ हर पल जरुरी है ..सुन्दर वक्तव्य आप का ..सम्मान है इसका ..
    आभार
    भ्रमर ५

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  6. कुश्वंश जी आभार आप का सराहना हेतु आइये सब मिल साहित्य और विद्वानों के सम्मान में कुछ करते रहें
    भ्रमर ५

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  7. डॉ आशुतोष मिश्र जी आभार आप का सराहना हेतु आइये प्यारे शब्द और सुन्दर प्रतिक्रिया आप की ..आइये सब मिल साहित्य और विद्वानों के सम्मान में कुछ करते रहें
    भ्रमर ५

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  8. प्रिय रविकर जी पुनः आभार आप का .आइये सब मिल साहित्य और विद्वानों के सम्मान में कुछ करते रहें
    भ्रमर ५

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  9. abodhbaalak के द्वारा October 17, 2011
    ज्ञानवर्धक लेख, आपने काफी साड़ी जानकारी दी दिनकर जी पर
    धनयवाद इसकेलिए
    http://abodhbaalak.jagranjunction.com

    surendra shukla bhramar5 के द्वारा October 17, 2011
    प्रिय अबोध जी आभार आप का प्रोत्साहन हेतु लेकिन ये दिनकर जी नहीं “रविकर” जी हैं जो चिटठा जगत में अपनी सुन्दर रचनाओं के द्वारा प्यारे हो गए हैं …आज कल चर्चा मंच को भी सम्हाल रहे हैं …इसी क्रम में इन्होने लेखकों और कवियों का परिचय कराया है ..
    भ्रमर ५
    jlsingh के द्वारा October 17, 2011
    ‘एक सरल सीधा भावुक इन्सान’!
    मैं समझता हूँ, ‘सीप में मोती के सामान’!
    और जितनी भी व्याख्या करूँ हो सकता है मैं शब्द जाल में उलझा दूं. यह मेरे वश का नहीं है. इतना कहा सकता हूँ, मैं धन्य हूँ कि ‘चिटठा जगत’ में ऐसी महान विभूति हैं और हमलोग उनके सानिध्य में हैं. सादर — जवाहर

    surendra shukla bhramar5 के द्वारा October 17, 2011
    प्रिय जवाहर जी धन्यभाग हमारे जो आप से प्रिय +आदरणीय +महान विभूतियों के दर्शन हुए इस बड़े से मंच पर आकर, हम सब की कोशिश यही होनी चाहिए की साहित्य जगत को एक स्थान मिले ईमानदार और बुद्धिजीवी को भरपूर प्यार कम से कम हम सब से तो मिले नहीं तो वे किस तरह से पिसे जा रहे आप सब को अच्छे से मालूम है ..आइये सब मिल रोशन करें अपने परिवेश को अपने समाज को –कहते हैं न की गाने गाने से विवाह हो जाता है …
    आप के उद्गार हम ने दिल में बसा लिया ..बहुत बहत आभार आप का …सीपी और मोतियों की माला के बीच हमें एक मोती समझिये बस ….
    भ्रमर ५
    Santosh Kumar के द्वारा October 17, 2011
    आदरणीय भ्रमर जी ,.सादर प्रणाम
    चर्चा मंच पर आपके और रविकर जी के परिचय से मन गदगद हो गया ,..तस्वीर होती तो ….खैर जय हो JJ की ..
    हार्दिक आभार

    surendra shukla bhramar5 के द्वारा October 17, 2011
    सच में सारा स्पेस ख़त्म संतोष जी अब तो लगता है नया ब्लॉग बनाना पड़ेगा रचना तो abhi post हो rahi है pr कोई छवियाँ नहीं ..जय हो जे जे की ही कहना पड़ेगा दूसरा ब्लॉग खोलने की सोचा लेकिन मेरे मेल में वो एक्तिवेसन के लिए नहीं जा रहा
    धन्यवाद आप का प्रोत्साहन के लिए \
    भ्रमर ५

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  10. Alka Gupta के द्वारा October 17, 2011
    शुक्ला जी , आपके इस आलेख द्वारा रविकर जी व आपकी विशिष्टताओं के
    बारे में पता चला….मंच पर आपके विषय में शेयर करने के लिए रविकर जी
    का धन्यवाद !

    surendra shukla bhramar5 के द्वारा October 17, 2011
    आदरणीया अलका जी आभार आप का और धन्यवाद आइये हम सब मिल जुल ऐसे ही अपने उद्गार बांटते मिलते जुलते हँसते बतियाते कुछ करते रहें …और है ही क्या इस जहां में विष का बीज ही तो बोया है पनप रहा हर तरफ …
    आभार आप का
    भ्रमर ५
    akraktale के द्वारा October 17, 2011
    आदरणीय रविकर जी हार्दिक नमन,
    बहुत बहुत शुक्रिया जो आपने आदरणीय भ्रमर जी की कई विशेषताओं के बारे में या ये कहूँ सहज स्वभाव के बारे में बिन्दुवार वर्णन किया. कई बातें जो शायद मै नहीं जानता था आज आपके कारण जान पाया. धन्यवाद.
    हाँ मगर आपने इनके बारे में वो सब नहीं बताया जो मेरे मित्र मेरे बारे में एक दुसरे को बताते रहते हैं अवश्य ही इनमे वो बात नहीं जो मुझमे है.वरना अवश्य ही मेरा भी कोई आपसा चाहने वाला होता.
    जय श्री राधे.

    surendra shukla bhramar5 के द्वारा October 17, 2011
    प्रिय अशोक जी आप हम सब आप के चाहने वालों में से एक हैं ..आप की बातें रविकर जी तक पहुँच जायेंगी और कुछ अनकही छिपी बातें आप की हों जो आप के मित्र गाथा गाते हैं तो बांटिएगा हम सब में ..धीरे धीरे प्रकाशित होंगी …रोशन करें जहां आप के गुण ..प्रेम ..
    भ्रमर ५
    Rajkamal Sharma के द्वारा October 17, 2011
    आदरणीय भ्रमर जी ….सादर प्रणाम !
    शुकर है कि आदरणीय रविकर जी में मेरे कुछ गुण नहीं है वर्ना न तो उनको यह जिम्मेवारी मिलती और न ही आप इस तरह खुशी -२ यह सब बता पाते ……
    *************************************************************************************************
    किसी के भी बारे में अनुमानित जानकारी + सटीक बाते दूसरों को बताना अपने आप में एक बड़ा ही दुष्कर कार्य है …..
    इस महान कार्य के लिए मैं उनको सलाम करता हूँ …..
    आपके बारे में इसी बहाने कई अनजानी बाते भी पता चल गई …..
    वर्ना मैं तो खुद कि ही तरह आपको आधुनिक नारियो का फैन समझता था , लेकिन आज पता चला कि इस मामले में आप मुझको अकेला छोड़ गए है …..
    जय श्री राधे कृष्ण
    http://rajkamal.jagranjunction.com/2011/10/17/“खुदा-का-खत”/










    surendra shukla bhramar5 के द्वारा October 17, 2011
    अशोक रक्तले जी ने सच ही कहा की कोई भी मौका हो आप चूकते नहीं हंसाने में ..सच में इस मायने में तो आप का कोई सानी नहीं ..गुरु जी आप से क्या छिपाना और क्या बताना आप तो ख़त का मजमून भांप लेते हैं लिफाफा देखकर वालों में से हैं …जो भी चाहें बना दें गढ़ दें ..आप का हथोडा विश्वकर्मा सा …ह हां ..
    ये बात भी सच कहा आपने किसी के बारे में सटीक जानकारी ले उसे वर्णित कर देना सहज नहीं ..रविकर जी को आप का धन्यवाद भेज रहा हूँ ..
    जय श्री राधे
    आभार भ्रमर

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दे ऐसा आशीष मुझे माँ आँखों का तारा बन जाऊं
अभिनन्दन आप का ,हिंदी बनाने का उपकरण ऊपर लगा हुआ है -आप की प्रतिक्रियाएं हमें ऊर्जा देती हैं -शुक्ल भ्रमर ५