BHRAMAR KA DARD AUR DARPAN

Friday, April 9, 2021

आज चांद का रंग कुछ बदला


आज चांद का रंग कुछ बदला , 
प्रिय ने शायद देख लिया ।
लाल तभी है मेरा मुखड़ा,  
नैन उतर दिल नेह किया ।।

सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर5


दे ऐसा आशीष मुझे माँ आँखों का तारा बन जाऊं

1 comment:

  1. सुंदर ,नायाब पंक्तियां ।सादर शुभकामनाएं । मेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है ।

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दे ऐसा आशीष मुझे माँ आँखों का तारा बन जाऊं
अभिनन्दन आप का ,हिंदी बनाने का उपकरण ऊपर लगा हुआ है -आप की प्रतिक्रियाएं हमें ऊर्जा देती हैं -शुक्ल भ्रमर ५