प्रिय मेरे नन्हे मुन्ने दोस्तों आदरणीय और प्रिय मित्र गण आज हमारे सुपुत्र गिरीश कुमार शुक्ल 'सत्यम' का जन्मदिन है इस शुभ अवसर पर जैसे हम दूर दूर से दुवाए दे आज सत्यम का जन्म दिन मना रहे हैं आप के लिये ये केक और मुख मिठास का यहॉं अयोजन है क़ृपया अपना स्नेहिल आशीष अपने सत्यम को प्रदान करें आइये बच्चों को भरपूर प्रेम दें और अपनी इस भावी पीढ़ी को अपनी प्यारी संस्कृति और इस भारत भू के प्रेम , प्यार से भर दे ताकि इस भारत भू की रज मे ये पौधे खिलें खिलखिलाएं और इस अपने चमन को अपने सत्कर्मों से गुलजार करें गुल गुलशन महके और हम सब इस फुलवारी का आनन्द ले सकें
आप सब का बहुत बहुत आभार
प्रिय सत्यम ये ख़ुशी का दिन बार बार यूं ही आये प्रभु तुम्हे दीर्घायु करे खुशियाँ फलें फूलें इस ऑगन मे , अपने प्रेम सुकर्मों से सब का मन जीतो सब के प्यारे बनो समाज़ मे अपने अस्तित्व को अपने नाम की छाप बनाओ जन्म दिन मुबारक हो
पिताश्री और समस्त परिवार
सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर ५
प्रतापगढ़ भारत
बच्चे मन के सच्चे हैं फूलों जैसे अच्छे हैं मेरी मम्मा कहती हैं तुझसे जितने बच्चे हैं सब अम्मा के प्यारे हैं --
दे ऐसा आशीष मुझे माँ आँखों का तारा बन जाऊं
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दे ऐसा आशीष मुझे माँ आँखों का तारा बन जाऊं
अभिनन्दन आप का ,हिंदी बनाने का उपकरण ऊपर लगा हुआ है -आप की प्रतिक्रियाएं हमें ऊर्जा देती हैं -शुक्ल भ्रमर ५