जन्माष्टमी की हार्दिक शुभ कामनाये आप सपरिवार और सारी प्यारी मित्र मण्डली को भी आप के भ्रमर की तरफ से जय श्री कृष्णा ….
भ्रमर ५
भ्रमर ५
कान्हा कृष्णा मुरली मनोहर आओ प्यारे आओ
व्रत ले शुभ सब -नैना तरसें और नहीं तरसाओ
जाल –जंजाल- काल सब काटे बन्दी गृह में आओ
मातु देवकी पिता श्री को प्रकटे तुम हरषाओ
भादों मास महीना मेघा तड़ित गरज मतवारे
तरु प्राणी ये प्रकृति झूमती भरे सभी नद नाले
कान्हा कृष्णा मुरली मनोहर आओ प्यारे आओ
व्रत ले शुभ सब – नैना तरसें और नहीं तरसाओ
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बारह बजने से पहले ही –सब- बंदी गृह में सोये
प्रकट हुए प्रभु नैना छलके माता गदगद होये
एक लाल की खातिर दुनिया आजीवन बस रोये
जगत के स्वामी कोख जो आये सुख वो वरनि न जाये
दैव रूप योगी जोगी सब नटखट रूप दिखाये
बाल रूप माता ने चाहा गोद में आ फिर रोये
सूप में लाल लिए यमुना जल सागर कैसे जाएँ
हहर -हहर कर उफन के यमुना चरण छुएं घट जाएँ
सब के हिय सन्देश गया सब भक्त ख़ुशी से उछले
आरति वंदन भजन कीर्तन थाली सभी बजाये
आज मथुरा में हाँ आज गोकुला में छाई खुशियाली
श्याम जू पैदा भये …………….
मथुरा से गोकुल पावन में प्रभु प्रकटे खुशहाली
ढोल मजीरा छम्मक -छम्मक घर घर बजती थाली
बाल -ग्वाल गोपिन गृह – गृहिणी -गौएँ -सब हरषाये
मोर-पपीहा-दादुर-मेढक-अपनी धुन में-लख चौरासी गाये
बाल -खिलावन को मन उमड़े सब यशोदा गृह आये
नैन मिला रस -प्रीति पिलाये श्याम सखा दिल छाये
अब लीला प्रभु क्या मै वरनूं ‘क्षुद्र’ भगत हम तेरे
ठुमुक ठुमुक चल पैजनी पहने कजरा माथे लाओ
तुम सोलह सब कला दिखाओ कंस मार सब तारो
माखन खाओ नाग को नाथो गौअन आइ चराओ
प्रेम -ग्रन्थ राधा -कृष्णा के पढ़ा -पढ़ा दिल में बस जाओ
हरे कृष्णा-कृष्णा कृष्णा -कृष्णा कृष्णा हरे हरे !
नैन बंद कर हो चैतन्या जग तुममे खो जाये ……
सुरेन्द्र कुमार शुक्ल ‘भ्रमर’ ५
कुल्लू यच पी
७-७.५५ पूर्वाह्न
१०-.०८.२०१२
कुल्लू यच पी
७-७.५५ पूर्वाह्न
१०-.०८.२०१२
दे ऐसा आशीष मुझे माँ आँखों का तारा बन जाऊं
चित्त प्रसन्न हो गया
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति
जय श्रीकृष्ण
बहुत बढ़िया पढकर अच्छा लगा,,
ReplyDeleteसुंदर रचना के लिए बधाई,,,, भ्रमर जी,,,,,
श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ
RECENT POST ...: पांच सौ के नोट में.....
बहुत सुन्दर....
ReplyDeleteजय श्री कृष्णा....
अनु
अंजनी जी जय श्री कृष्ण ...प्रभु कान्हा के अवतरित होने पर चित तो सब का
ReplyDeleteहर्ष से भर ही जाता है ..रचना आप के मन को छू सकी सुन ख़ुशी हुयी
आभार
भ्रमर 5
आदरणीय धीरेन्द्र जी जय श्री कृष्ण ... ..रचना आप के मन को छू सकी सुन ख़ुशी हुयी ..आइये आज प्रभु ध्यान में भजन कीर्तन हो जाए
ReplyDeleteआभार
भ्रमर 5
आदरणीया अनु जी जय श्री कृष्ण ... प्रोत्साहन के लिए आभार ..आइये आज प्रभु ध्यान में भजन कीर्तन हो जाए
ReplyDeleteआभार
भ्रमर 5