BHRAMAR KA DARD AUR DARPAN

Sunday, May 13, 2012

माँ अति प्यारी !


असीमित विस्तार 
ममता अपार
माँ का प्यार !
----------------
सुख की मेह
करुना सागर
माँ का नेह !
---------------
त्याग  वलिदान 
सुख की खान
"माँ" एक नाम !
-------------------
खुशियाँ किलकारी
सर्व दुःखहारी
माँ अति प्यारी !
----------------
मरू में छाया
अमृत धारा
माँ की माया !
------------------
दो कुल का कुल-दीपक
'लक्ष्मी'-जनती -कुल-दीपक
रचती -माँ-पिता-माँ  ही "एक" !
-----------------------------------
शिशु की जान
हम सब की  पहचान
माँ -एक नाम !
----------------------

देश की आन , बान ,शान
धरोहर , कला, विज्ञान
रच "शिशु" देती “माँ” अनोखा  दान  !
--------------------------------------
सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर ५
कुल्लू यच पी
१३.०५.२०१२ ८-८.२५ पूर्वाह्न






दे ऐसा आशीष मुझे माँ आँखों का तारा बन जाऊं

8 comments:

  1. मरू में छाया..
    अमृत धारा.....

    माँ....................


    बहुत सुंदर.

    अनु

    ReplyDelete
  2. सुंदर भाव पुर्ण अभिव्यक्ति
    चार पंक्तियाँ माँ के सम्मान में ,...

    माँ की ममता का कोई पर्याय हो नहीं सकता
    पूरी दुनिया में माँ तेरे जैसा कोई हो नही सकता
    माँ तेरे चरण छूकर सलाम करता हूँ
    सभी माताओ को प्रणाम करता हूँ..

    MY RECENT POST ,...काव्यान्जलि ...: आज मुझे गाने दो,...

    ReplyDelete
  3. आदरणीय धीरेन्द्र जी बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति आप की काश सभी ऐसे ही मान करें माँ का ..हर माँ को नमन
    भ्रमर ५.

    ReplyDelete
  4. अनु जी रचना आप के मन को भायी सुन हर्ष हुआ ..हर माँ को नमन ..जय श्री राधे
    भ्रमर ५.

    ReplyDelete
  5. बहुत सुन्दर ..माँ को नमन..

    ReplyDelete
  6. आदरणीय शास्त्री जी आभार आप का माँ को नमन करती ये रचना आप को अच्छी लगी सुन ख़ुशी हुयी -आभार
    भ्रमर ५

    ReplyDelete
  7. आदरणीया महेश्वरी जी बहुत बहुत आभार आप का-काश आप सा ही सब माँ को नमन करें आजीवन तो ये समाज बन जाए -आभार
    भ्रमर ५

    ReplyDelete

दे ऐसा आशीष मुझे माँ आँखों का तारा बन जाऊं
अभिनन्दन आप का ,हिंदी बनाने का उपकरण ऊपर लगा हुआ है -आप की प्रतिक्रियाएं हमें ऊर्जा देती हैं -शुक्ल भ्रमर ५