आदरणीय शास्त्री जी अभिवादन ....रचनाएँ चोरी हो रही हैं ...मेरे इस लेख को भी आप ने चुना भ्रमर का दर्द और दर्पण से ,,,देख ख़ुशी हुए हमारे कवी एवं लेखक मित्रों को इस का ध्यान रखना चाहिए की जो वे इतनी मेहनत से रच रहे हैं जो उनकी प्यारी है उसे कोई बिना उनके अनुमति के तो ले जाकर अपना नाम कमाने में नहीं लगा है ऐसा ही एक वाकिया मेरी जानकारी में लाया गया था हमने समझाने की कोशिश की पहले तो मेरी प्रतिक्रियाएं मिटते रहे जनाब फिर अंत में मान गए और रचनाओ को अपने ब्लाग से हटाये .... आभार आप का समर्थन हेतु ..जय श्री राधे भ्रमर ५
प्रिय शुक्ल जी मुबारक हो आप के शतक से भी आगे डेढ़ शतक क्या बात है ...मुबारक हो बधाइयाँ ...साहित्य सृजन में बिभिन्न विषयों और समाज के उत्थान में आँखें खोलने वाली कवितायेँ और आप के लेख प्य्रारे रहे और बहुत ही उपयोगी ...बहुत बहुत शुभ कामनाएं आप उत्तरोत्तर यों ही प्रगति कर रौशनी फैलाते रहें और अपना स्नेह हम सब पर भी बनाये रखें .. आइये एक बनें नेक बने --जय श्री राधे भ्रमर ५
http://shuklabhramar5.jagranjunction.com/2012/04/18/%E0%A4%B0%E0%A4%9A%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%8F%E0%A4%81-%E0%A4%9A%E0%A5%8B%E0%A4%B0%E0%A5%80-%E0%A4%B9%E0%A5%8B-%E0%A4%B0%E0%A4%B9%E0%A5%80-%E0%A4%B9%E0%A5%88%E0%A4%82-%E2%80%9C%E0%A4%AA%E0%A5%8D/
ReplyDeleteसार्थक पोस्ट, आभार.
ReplyDeleteकृपया मेरे ब्लॉग"meri kavitayen" की १५० वीं पोस्ट पर पधारें और अब तक मेरी काव्य यात्रा पर अपनी राय दें, आभारी होऊंगा .
आदरणीय शास्त्री जी अभिवादन ....रचनाएँ चोरी हो रही हैं ...मेरे इस लेख को भी आप ने चुना भ्रमर का दर्द और दर्पण से ,,,देख ख़ुशी हुए हमारे कवी एवं लेखक मित्रों को इस का ध्यान रखना चाहिए की जो वे इतनी मेहनत से रच रहे हैं जो उनकी प्यारी है उसे कोई बिना उनके अनुमति के तो ले जाकर अपना नाम कमाने में नहीं लगा है ऐसा ही एक वाकिया मेरी जानकारी में लाया गया था हमने समझाने की कोशिश की पहले तो मेरी प्रतिक्रियाएं मिटते रहे जनाब फिर अंत में मान गए और रचनाओ को अपने ब्लाग से हटाये ....
ReplyDeleteआभार आप का समर्थन हेतु ..जय श्री राधे
भ्रमर ५
प्रिय शुक्ल जी मुबारक हो आप के शतक से भी आगे डेढ़ शतक क्या बात है ...मुबारक हो बधाइयाँ ...साहित्य सृजन में बिभिन्न विषयों और समाज के उत्थान में आँखें खोलने वाली कवितायेँ और आप के लेख प्य्रारे रहे और बहुत ही उपयोगी ...बहुत बहुत शुभ कामनाएं आप उत्तरोत्तर यों ही प्रगति कर रौशनी फैलाते रहें और अपना स्नेह हम सब पर भी बनाये रखें ..
ReplyDeleteआइये एक बनें नेक बने --जय श्री राधे
भ्रमर ५