BHRAMAR KA DARD AUR DARPAN

Thursday, April 19, 2012

Check out रचनाएँ चोरी हो रही हैं —“प्यार मुझको भी हो जाये तो कुछ बात हो” « Bhramar ka 'Dard' aur 'Darpan'

Check out रचनाएँ चोरी हो रही हैं —“प्यार मुझको भी हो जाये तो कुछ बात हो” « Bhramar ka 'Dard' aur 'Darpan'

4 comments:

  1. http://shuklabhramar5.jagranjunction.com/2012/04/18/%E0%A4%B0%E0%A4%9A%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%8F%E0%A4%81-%E0%A4%9A%E0%A5%8B%E0%A4%B0%E0%A5%80-%E0%A4%B9%E0%A5%8B-%E0%A4%B0%E0%A4%B9%E0%A5%80-%E0%A4%B9%E0%A5%88%E0%A4%82-%E2%80%9C%E0%A4%AA%E0%A5%8D/

    ReplyDelete
  2. सार्थक पोस्ट, आभार.

    कृपया मेरे ब्लॉग"meri kavitayen" की १५० वीं पोस्ट पर पधारें और अब तक मेरी काव्य यात्रा पर अपनी राय दें, आभारी होऊंगा .

    ReplyDelete
  3. आदरणीय शास्त्री जी अभिवादन ....रचनाएँ चोरी हो रही हैं ...मेरे इस लेख को भी आप ने चुना भ्रमर का दर्द और दर्पण से ,,,देख ख़ुशी हुए हमारे कवी एवं लेखक मित्रों को इस का ध्यान रखना चाहिए की जो वे इतनी मेहनत से रच रहे हैं जो उनकी प्यारी है उसे कोई बिना उनके अनुमति के तो ले जाकर अपना नाम कमाने में नहीं लगा है ऐसा ही एक वाकिया मेरी जानकारी में लाया गया था हमने समझाने की कोशिश की पहले तो मेरी प्रतिक्रियाएं मिटते रहे जनाब फिर अंत में मान गए और रचनाओ को अपने ब्लाग से हटाये ....
    आभार आप का समर्थन हेतु ..जय श्री राधे
    भ्रमर ५

    ReplyDelete
  4. प्रिय शुक्ल जी मुबारक हो आप के शतक से भी आगे डेढ़ शतक क्या बात है ...मुबारक हो बधाइयाँ ...साहित्य सृजन में बिभिन्न विषयों और समाज के उत्थान में आँखें खोलने वाली कवितायेँ और आप के लेख प्य्रारे रहे और बहुत ही उपयोगी ...बहुत बहुत शुभ कामनाएं आप उत्तरोत्तर यों ही प्रगति कर रौशनी फैलाते रहें और अपना स्नेह हम सब पर भी बनाये रखें ..
    आइये एक बनें नेक बने --जय श्री राधे
    भ्रमर ५

    ReplyDelete

दे ऐसा आशीष मुझे माँ आँखों का तारा बन जाऊं
अभिनन्दन आप का ,हिंदी बनाने का उपकरण ऊपर लगा हुआ है -आप की प्रतिक्रियाएं हमें ऊर्जा देती हैं -शुक्ल भ्रमर ५