surendra shukla bhramar5 के द्वारा April 20, 2012
प्रिय मित्रों आप सब का बहुत बहुत आभार …प्रतीक ने वह रचना दिव्या जी की हटा दी है आइये अब वैर भाव भूल समझाएं ..शान्तिः शांतिः
http://dineshpareek19.blogspot.in/2011/03/blog-post_13.हटमल
हम एक हैं हम नेक हैं ….
भ्रमर ५
प्रिय मित्रों आप सब का बहुत बहुत आभार …प्रतीक ने वह रचना दिव्या जी की हटा दी है आइये अब वैर भाव भूल समझाएं ..शान्तिः शांतिः
http://dineshpareek19.blogspot.in/2011/03/blog-post_13.हटमल
हम एक हैं हम नेक हैं ….
भ्रमर ५
प्रिय मित्रों विरोध दर्ज करने के लिए आप सब का बहुत बहुत आभार अभी तो प्रतीक ने मेरी प्रतिक्रियाओं को मिटाना शुरू किया है देखता हूँ कब तक ये बेशर्मी रहेगी अपना विरोध उनके ब्लॉग पर दर्ज करते रहें …
जे जे जी यहाँ पर बहुत सी प्रतिक्रियाएं डैश बोर्ड में तो दिखाई देती है लेकिन मुख्य पृष्ट ब्लॉग पर नहीं बड़ी असुविधा हो रही है कृपया जांच करें
surendr shukl bhramar5 के द्वारा April 18, 2012
प्रिय मित्र प्रतीक जी बड़े ही दुःख और खेद के साथ ये आप को लिखना पड़ रहा है की ये रचना
“प्यार मुझको भी हो जाये तो कुछ बात हो” जो की दिव्या जी द्वारा जागरण जंक्सन में १५-फरवरी -२०११ को डाली गयी थी ..पता चला की चोरी हो गयी है ..आप के ब्लॉग पर ये पोस्ट देख हैरानी हुयी कृपया स्पष्ट करें ..आप ने लिखा है मेरी कविताओं का संग्रह ..संग्रह तो किसी कवी लेखक की कविता का भी होता है पर उससे अनुमति ले कर कृपया अपना पक्ष स्पष्ट करें ..ये मान मर्यादा के विपरीत है और इसे किसी भी तरह से जायज नहीं ठहराया जा सकता ..
आशा है आप या तो दिव्या जी से इसकी अनुमति ले लें या तो फिर इस पोस्ट को हटा दें …….
http://div81.jagranjunction.com/2011/02/15/%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%B0-%E0%A4%AE%E0%A5%81%E0%A4%9D%E0%A4%95%E0%A5%8B-%E0%A4%AD%E0%A5%80-%E0%A4%B9%E0%A5%8B-%E0%A4%9C%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A5%87-%E0%A4%A4%E0%A5%8B-%E0%A4%95/#comment-१६३२, दिव्या जी के पोस्ट की लिंक जागरण जंक्शन में उपर्युक्त है ….
भ्रमर ५
प्रिय मित्र प्रतीक जी बड़े ही दुःख और खेद के साथ ये आप को लिखना पड़ रहा है की ये रचना
“प्यार मुझको भी हो जाये तो कुछ बात हो” जो की दिव्या जी द्वारा जागरण जंक्सन में १५-फरवरी -२०११ को डाली गयी थी ..पता चला की चोरी हो गयी है ..आप के ब्लॉग पर ये पोस्ट देख हैरानी हुयी कृपया स्पष्ट करें ..आप ने लिखा है मेरी कविताओं का संग्रह ..संग्रह तो किसी कवी लेखक की कविता का भी होता है पर उससे अनुमति ले कर कृपया अपना पक्ष स्पष्ट करें ..ये मान मर्यादा के विपरीत है और इसे किसी भी तरह से जायज नहीं ठहराया जा सकता ..
आशा है आप या तो दिव्या जी से इसकी अनुमति ले लें या तो फिर इस पोस्ट को हटा दें …….
http://div81.jagranjunction.com/2011/02/15/%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%B0-%E0%A4%AE%E0%A5%81%E0%A4%9D%E0%A4%95%E0%A5%8B-%E0%A4%AD%E0%A5%80-%E0%A4%B9%E0%A5%8B-%E0%A4%9C%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A5%87-%E0%A4%A4%E0%A5%8B-%E0%A4%95/#comment-१६३२, दिव्या जी के पोस्ट की लिंक जागरण जंक्शन में उपर्युक्त है ….
भ्रमर ५
surendr shukl bhramar5 के द्वारा April 18, 2012
दिव्या जी आप की बात को जरुर दिनेश प्रतीक जी तक पहुंचाई जाएगी..ब्लागिंग में हम जुड़े भी हैं एक दूसरे के समर्थक भी हैं ..बड़ी ही चिंता का विषय है हर जगह चोरी और खुले आम सीना जोरी..अगर आप का नाम दे के पोस्ट किया होता तो शायद आप की अनुमति मिल भी जाती ?? ..मैंने आप की यह पोस्ट नहीं पढ़ी थी शायद और वहां अच्छी लगी इस लिए वहां प्रतिक्रिया दिया था ,,,
साइबर चोरी बहुत बढ़ गयी है सब कोई कम से कम अपने खाते तो जरुर बचाना भाई ..
दिव्या जी आप की बात को जरुर दिनेश प्रतीक जी तक पहुंचाई जाएगी..ब्लागिंग में हम जुड़े भी हैं एक दूसरे के समर्थक भी हैं ..बड़ी ही चिंता का विषय है हर जगह चोरी और खुले आम सीना जोरी..अगर आप का नाम दे के पोस्ट किया होता तो शायद आप की अनुमति मिल भी जाती ?? ..मैंने आप की यह पोस्ट नहीं पढ़ी थी शायद और वहां अच्छी लगी इस लिए वहां प्रतिक्रिया दिया था ,,,
साइबर चोरी बहुत बढ़ गयी है सब कोई कम से कम अपने खाते तो जरुर बचाना भाई ..
भ्रमर ५
भ्रमर जी नमस्कार, मैं जेजे मंच से दिव्या
मुझे अभी किसी ने बता की मेरी एक रचना किसी ने अपने नाम से पोस्ट करी है वहाँ देखा तो सही पाया मेरी उस रचना को दो अलग अलग ब्लॉग मे पोस्ट किया गया है एक जगह तो कमेन्ट दिया है मगर इधर दूसरी पोस्ट मे कमेन्ट नहीं दे पा रही हूँ आप का कमेन्ट देख के आप के ब्लॉग तक आई हूँ आप से एक अनुरोध है कृपया उस ब्लॉग मे मेरी बात पहुंचा दीजिए मैं आप को अपने ब्लॉग का भी और दूसरी ब्लॉग का भी लिकं दे रही हूँ | ये लिंक मेरे ब्लॉग का हैhttp://div81.jagranjunction.com/2011/02/15/%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%B0-%E0%A4%AE%E0%A5%81%E0%A4%9D%E0%A4%95%E0%A5%8B-%E0%A4%AD%E0%A5%80-%E0%A4%B9%E0%A5%8B-%E0%A4%9C%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A5%87-%E0%A4%A4%E0%A5%8B-%E0%A4%95/ ……………. और ये उस साहित्यिक ………. मोहदय का http://dineshpareek19.blogspot.in/2011/03/blog-post_13.html
आप की अति कृपया होगी
दिव्या div81
मुझे अभी किसी ने बता की मेरी एक रचना किसी ने अपने नाम से पोस्ट करी है वहाँ देखा तो सही पाया मेरी उस रचना को दो अलग अलग ब्लॉग मे पोस्ट किया गया है एक जगह तो कमेन्ट दिया है मगर इधर दूसरी पोस्ट मे कमेन्ट नहीं दे पा रही हूँ आप का कमेन्ट देख के आप के ब्लॉग तक आई हूँ आप से एक अनुरोध है कृपया उस ब्लॉग मे मेरी बात पहुंचा दीजिए मैं आप को अपने ब्लॉग का भी और दूसरी ब्लॉग का भी लिकं दे रही हूँ | ये लिंक मेरे ब्लॉग का हैhttp://div81.jagranjunction.com/2011/02/15/%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%B0-%E0%A4%AE%E0%A5%81%E0%A4%9D%E0%A4%95%E0%A5%8B-%E0%A4%AD%E0%A5%80-%E0%A4%B9%E0%A5%8B-%E0%A4%9C%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A5%87-%E0%A4%A4%E0%A5%8B-%E0%A4%95/ ……………. और ये उस साहित्यिक ………. मोहदय का http://dineshpareek19.blogspot.in/2011/03/blog-post_13.html
आप की अति कृपया होगी
दिव्या div81
दे ऐसा आशीष मुझे माँ आँखों का तारा बन जाऊं
No comments:
Post a Comment
दे ऐसा आशीष मुझे माँ आँखों का तारा बन जाऊं
अभिनन्दन आप का ,हिंदी बनाने का उपकरण ऊपर लगा हुआ है -आप की प्रतिक्रियाएं हमें ऊर्जा देती हैं -शुक्ल भ्रमर ५