रूपसी थी कभी चांद सी तू खिली
ओढ़े घूंघट में तू माथे सूरज लिए
नैन करुणा भरे ज्योति जीवन लिए
स्वर्ण आभा चमक चांदनी से सजी
गोल पृथ्वी झुलाती जहां नाथती
तेरे अधरों पे खुशियां रही नाचती
घोल मधु तू सरस बोल थी बोलती
नाचते मोर कलियां थी पर खोलती
फूल खिल जाते थे कूजते थे बिहग
माथ मेरे फिराती थी तू तेरा कर
लौट आता था सपनों से ए मां मेरी
मिलती जन्नत खुशी तेरी आंखों भरी
दौड़ आंचल तेरे जब मै छुप जाता था
क्या कहूं कितना सारा मै सुख पाता था
मोहिनी मूर्ति ममता की दिल आज भी
क्या कभी भूल सकता है संसार भी
गीत तू साज तू मेरा संगीत भी
शब्द वाणी मेरी पंख परवाज़ भी
नैन तू दृश्य तू शस्त्र भी ढाल भी
जिसने जीवन दिया पालती पोषती
नीर सी क्षीर सी अंग सारे बसी
आई माई मेरी अम्मा है प्राण सी
सुरेंद्र कुमार शुक्ल भ्रमर 5
प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश, भारत
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर सोमवार 11 अप्रैल 2022 को लिंक की जाएगी ....
ReplyDeletehttp://halchalwith5links.blogspot.in पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!
!
नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा सोमवार 11 अप्रैल 2022 ) को 'संसद के दरवाज़े लाखों चेहरे खड़े उदास' (चर्चा अंक 4397) पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है। 12:01 AM के बाद आपकी प्रस्तुति ब्लॉग 'चर्चामंच' पर उपलब्ध होगी।
चर्चामंच पर आपकी रचना का लिंक विस्तारिक पाठक वर्ग तक पहुँचाने के उद्देश्य से सम्मिलित किया गया है ताकि साहित्य रसिक पाठकों को अनेक विकल्प मिल सकें तथा साहित्य-सृजन के विभिन्न आयामों से वे सूचित हो सकें।
यदि हमारे द्वारा किए गए इस प्रयास से आपको कोई आपत्ति है तो कृपया संबंधित प्रस्तुति के अंक में अपनी टिप्पणी के ज़रिये या हमारे ब्लॉग पर प्रदर्शित संपर्क फ़ॉर्म के माध्यम से हमें सूचित कीजिएगा ताकि आपकी रचना का लिंक प्रस्तुति से विलोपित किया जा सके।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
#रवीन्द्र_सिंह_यादव
हार्दिक आभार आपका रवींद्र भाई , मां के प्रेम में सिक्त इस रचना को आपने मन दिया चर्चा मंच पर स्थान दिया खुशी हुई। राधे राधे।
Deleteक्या बात है!! माँ के लिए बहुत ही आत्मीयता से भरे स्नेहिल उद्गार 👌👌बहुत सुन्दर और भावपूर्ण प्रस्तुति के लिए आभार और शुभकामनायें।
ReplyDeleteहार्दिक आभार आप का आदरणीया , मां की ममता भरी इस रचना को आप ने सराहा खुशी हुई राधे राधे।
Deleteबहुत सुंदर भावों से सजी सुंदर रचना।
ReplyDeleteबहुत शुभकामनाएं ।
हार्दिक आभार आप का आदरणीया , मां की ममता भरी इस रचना को आप ने सराहा खुशी हुई राधे राधे।
Deleteमाँ के प्रति श्रधेय भाव ।
ReplyDeleteहार्दिक आभार आप का आदरणीया , मां की ममता भरी इस रचना को आप ने सराहा खुशी हुई राधे राधे। प्रोत्साहन बनाए रखें।
Deleteनैन तू दृश्य तू शस्त्र भी ढाल भी
ReplyDeleteजिसने जीवन दिया पालती पोषती
नीर सी क्षीर सी अंग सारे बसी
आई माई मेरी अम्मा है प्राण सी
बहुत ही लाजवाब सृजन माँ के नाम
वाह!!!
हार्दिक आभार आप का आदरणीया , मां की ममता भरी रचना की इन पंक्तियों को आप ने सराहा खुशी हुई राधे राधे।
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