सभी प्रिय मित्रों को लोहड़ी , मकर संक्रांति और पोंगल की ढेर सारी हार्दिक शुभ कामनाएं /
किसी ने कितना सुन्दर लिखा भी है
मंदिर की घंटी आरती की थाली
नदी के किनारे सूरज की लाली
जिंदगी में आये खुशियों की बहार
आप सब को मुबारक हो मकर संक्रांति का ये पावन त्यौहार
दे ऐसा आशीष मुझे माँ आँखों का तारा बन जाऊं
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (16-01-2016) को "अब तो फेसबुक छोड़ ही दीजिये" (चर्चा अंक-2223) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
नववर्ष 2016 की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
सुन्दर व सार्थक रचना प्रस्तुतिकरण के लिए आभार! मकर संक्रान्ति पर्व की शुभकामनाएँ!
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग की नई पोस्ट पर आपका स्वागत है...