BHRAMAR KA DARD AUR DARPAN

Tuesday, January 31, 2012

अभागन


अभागन
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पैदा हुयी तो माँ मर गयी ?
बाप लापता --
कूड़े में फेंक दी गयी
किसी ने उठाया


मंदिर की सीढ़ी पे लिटाया
भिखारन ले गयी
नटिनी बनाई
रस्सी पे दौडाई
किसी को उसकी
कला पसंद आई
बेंच दी गयी


सर्कस में आयी
भीड़ बढ़ाई
इनाम पायी
शादी रचाई
अमेरिका आई
पढ़ी -पढाई
उड़ान भरी ----
नाम कमाई देश का
टी. वी. न्यूज में छाई
स्वर्णाक्षरों में
अपना नाम लिखाई
अपने कर्म से
हर जंग जीत के
दिखाई -सिखाई -
भाग्य बनाती हैं -बेटियाँ
खुद का -घर परिवार का
समाज-देश का
भाग्य है !!
उसकी शोध अभी जारी है
कुछ और कर गुजरने की तैयारी है


(सभी फोटो गूगल / नेट से साभार लिया गया )

हिंदुस्तान आई है
खोज रही है
नामोनिशान ----
घर -ठिकाना
अपनी प्यारी माँ -
पूजनीय बाप का
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शुक्ल भ्रमर ५
१.५२-२.२० पूर्वाह्न
२४.११.११ -यच पी



दे ऐसा आशीष मुझे माँ आँखों का तारा बन जाऊं

6 comments:

  1. बहुत सच कहा है...बेटियाँ भगवान की अनुपम सौगात हैं..

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  2. आदरणीय कैलाश जी सच कहा आप ने बेटियाँ भगवान् की अनुपम सौगात हैं काश हम समझें इसे और इनकी प्रताड़ना छोड़ मान करें ..
    आभार
    भ्रमर ५

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  3. आदरणीय शास्त्री जी बेटियों के सम्मान में लिखी गयी ये रचना आप के मन को छू सकी सुन ख़ुशी हुयी ..
    आभार
    भ्रमर ५

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  4. आदरणीय दिलबाग विर्क जी अभिवादन ..बेटियों की दर्द भरी कहानी मेरी रचना " अभागन" को आप ने मेरे ब्लॉग से चुना ...बेटिओं का मान रखने के लिए आप को बहुत बहुत आभार ....
    बहुत सुन्दर संयोजन रहा आप का ...सुन्दर लिंक्स ....ढेर सारी शुभ कामनाएं आप के साथ हमारे सभी रचयिता साथियों को भी
    भ्रमर ५

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  5. बटियां तो वरदान होती हैं..उन में अनंत शक्ति होती है...

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  6. आदरणीय माहेश्वरी जी शत प्रतिशत सच है आप का कथन लेकिन काश कुछ बहके लोग जागें इन्हें मान दें
    आभार
    भ्रमर ५

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दे ऐसा आशीष मुझे माँ आँखों का तारा बन जाऊं
अभिनन्दन आप का ,हिंदी बनाने का उपकरण ऊपर लगा हुआ है -आप की प्रतिक्रियाएं हमें ऊर्जा देती हैं -शुक्ल भ्रमर ५