BHRAMAR KA DARD AUR DARPAN

Friday, January 20, 2023

मौनी अमावस्या


देर अचानक रात्रि दौड़ के
बदरा घिर घिर आए 
शांत स्निग्ध गंगा पावन जल
अमृत घट बूंदे बरसाए।





गंगा की लहरें उठ धायीं
नमन करे उठ जागे लोग
हलचल मेला में थी भारी
मौन ध्यान रत सारे लोग

सजी धजी गंगा की घाटी
देश विदेश से जुटे हैं लोग
भर आस्था विश्वास से भारी
पुण्य कमाने आए लोग

मौन हुए मौनी अमावस्या
डुबकी लोग लगाएं
जन्म जन्म के भव बन्धन से
तर के प्रभु को पाएं।

स्नान दान कर हुए प्रफुल्लित
खुशियां जग फैलाएं
खुशी हुए परिवेश में 
जाके, धारा विकास की लाएं।

रोग दोष ईर्ष्या विद्वेष से
मुक्त , भजन सब गाते
गंगा सा पावन मन लेकर
भारत का परचम लहराते।

निर्मल पावन लहर सुनहरी
सूर्य देव जब निकलें
जय जय जय जय के
नारों से गूंजे प्रयाग की नगरी।

मथुरा काशी और अयोध्या
नगरी नगरी जन मन आए
कर शाही स्नान मोक्ष के
द्वार पे जाके विष्णु पाए।


धर्म धुरंधर योगी जोगी
संत साधु मुनि ज्ञानी
निज आंखो में भर लो आओ
छवि भारत की अमिट कहानी।

सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर5
प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश 
भारत।
21.01.2023



दे ऐसा आशीष मुझे माँ आँखों का तारा बन जाऊं

2 comments:

  1. हार्दिक आभार आप का आदरणीय, रचना को आप ने मान दिया , बहुत हर्ष हुआ, जय मां गंगे , आप सब को मौनी अमावस्या की ढेर सारी हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई।

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  2. हार्दिक आभार आप का आदरणीय, रचना को आप ने मान दिया , बहुत हर्ष हुआ, जय मां गंगे , आप सब को मौनी अमावस्या की ढेर सारी हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई

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दे ऐसा आशीष मुझे माँ आँखों का तारा बन जाऊं
अभिनन्दन आप का ,हिंदी बनाने का उपकरण ऊपर लगा हुआ है -आप की प्रतिक्रियाएं हमें ऊर्जा देती हैं -शुक्ल भ्रमर ५