मकर संक्रांति की ढेर सारी हार्दिक शुभकामनाएं आप सभी मित्र मंडली को, जय जय श्री राधे।
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समरसता जन पर्व मकर संक्रान्ति
भरती जन जन में अनुपम कान्ति
उल्लास माघ गंगा पावन जल
प्रमुदित दौड़े ले सब दल बल।
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बाल वृद्ध नारी फूले मन
फूली सरसों पीली चूनर रंग
धरती नभ बादल ओस सुहावन
घना कुहासा अति मन भावन।
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लादे गठरी चल रहे कोस भर
पैदल भीड़ गरीब किसान
रोगी जोगी राजा महान
खिचड़ी में लेने पुण्य स्नान।
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रंग बिरंगे सतरंगी परिधान
नथिया झुलनी टीका लटकन
कंगना चूड़ी मुंदरी झांझन
बिछिया पायल करधनी पहन
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चमक कैमरे की हर ओर
कैद करें छवि वो चितचोर
भजन कीर्तन योगी जोगी
पुण्य को दृढ़ आज हत भोगी।
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संगम है भारत का संगम
हर दिशा क्षेत्र के सब जनगण
जुट गए भरेंगे पुण्यार्जन
स्नान दान तिल गुड़ मिठास।
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चूड़ा दही औ लेंडुआ तिलकुट
गचक पापड़ी खाते मिल
जुट
मूंगफली मेवा मिष्ठान
अद्भुत छवि भारत महान।
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कहीं उड़ी खूब तो कटी कहीं हैं
धूल धूसरित दबी पड़ी है
छवि धूमिल कुछ संवर चली हैं
जीवन पतंग की डोर कहीं है।
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घर घर तिल की बनी मिठाई
सोंधी गुड़ की खुश्बू आई
कहीं लोहड़ी पोंगल खिचड़ी
जोड़ दिलों को जाती खिचड़ी ।
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सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर 5
उत्तर प्रदेश
भारत।
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दे ऐसा आशीष मुझे माँ आँखों का तारा बन जाऊं
अभिनन्दन आप का ,हिंदी बनाने का उपकरण ऊपर लगा हुआ है -आप की प्रतिक्रियाएं हमें ऊर्जा देती हैं -शुक्ल भ्रमर ५