BHRAMAR KA DARD AUR DARPAN

Wednesday, August 25, 2021

एक दिन हो जाना है राख

जी, कितने आए कितने चले गए , मोह माया है सब , 
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ये तेरा है ये मेरा है
लड़ते रहे बनी ना बात,
खून जिस्म में कमा के लाते
फिर भी सुनते सौ सौ बात
मुंह फेरे सब अपनी गाते
अपनी ढपली अपना राग,
बूढ़ा पेड़ नए तरुवर से
उलझ कहां टिकता दमदार,
पानी खाद तो मिलना दूभर
बने खोखला गिरती डाल,
कुछ है हरा फूल फल गिरते
आंधी कभी, कभी वज्रपात,
पेड़ जीव या मानव तन हो,
मिलती जुलती एक कहानी,
आज खंडहर रोता कहता
एक थे राजा एक थी रानी,
जब तक दम है आओ खेलें
बोलें डोलें हंस मुस्का लें,
वे अबोध हैं क्रोध छोड़ दो
माफ करो कुछ बनेगी बात,
आग लगी है हवन सुगंधित
चाहे जितना कर पवित्र ले,
घी डालो या चंदन खुशबू,
पानी डालो या फिर पीटो, 
एक दिन हो जाना है राख, 
यही तो है सब की औकात.........

सुरेंद्र कुमार शुक्ल भ्रमर5
प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश।


दे ऐसा आशीष मुझे माँ आँखों का तारा बन जाऊं

15 comments:

  1. आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज गुरुवार 26 अगस्त 2021 शाम 3.00 बजे साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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    1. हार्दिक धन्यवाद आप का आदरणीया रचना को आप ने सांध्य दैनिक मुखरित मौन में साझा किया हार्दिक खुशी मिली, आभार , राधे राधे।

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  2. बहुत बहुत आभार आप का आदरणीया रचना आप के मन को छू सकी और आप ने इसे अंकुरित कोंपलों की हथेली में खिलने लगे हैं सुर्ख फूल,के लिए चुना खुशी हुई।

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  3. बहुत बढ़िया सृजन।
    सादर

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    1. हार्दिक आभार आपका आदरणीया, राधे राधे।

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  4. बहुत सटीक एवं सही औकात दिखाई है आपने...
    बहि ही सारगर्भित सृजन।

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    1. बहुत बहुत आभार आपका आदरणीया, समर्थन और स्नेह बना रहे

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  5. सार्थक चिंतनपूर्ण रचना ।

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    1. हार्दिक आभार आप का आदरणीया प्रोत्साहन बनाए रखें। राधे राधे।

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  6. शाश्वत भावों का गहन सृजन ।
    आध्यात्मिक भाव रचना।
    सुंदर।

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    1. बहुत बहुत धन्यवाद आप का अपना प्रोत्साहन बनाए रखें , राधे राधे।

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  7. बहुत बहुत धन्यवाद आप का आदरणीया, प्रोत्साहन बना रहे। राधे राधे।

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  8. अति सुन्दर सृजन । कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ ।

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  9. सुंदर प्रस्तुति।

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  10. bahut hi sundar aur staya prastuti hai is rachana mein
    abhar!

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दे ऐसा आशीष मुझे माँ आँखों का तारा बन जाऊं
अभिनन्दन आप का ,हिंदी बनाने का उपकरण ऊपर लगा हुआ है -आप की प्रतिक्रियाएं हमें ऊर्जा देती हैं -शुक्ल भ्रमर ५