महात्मा बुद्ध की जयंती , बुद्ध पूर्णिमा पर आप सभी मित्रों को हार्दिक शुभ कामनाएं आप सब का हर पल मंगलमय आइये महात्मा बुद्ध के जीवन से कुछ अनुसरण कर अपने जीवन को धन्य बनायें ................
भ्रमर ५
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कोई भी व्यक्ति सिर मुंडवाने से, या फिर उसके परिवार से, या फिर एक जाति में जनम लेने से संत नहीं बन जाता; जिस व्यक्ति में सच्चाई और विवेक होता है, वही धन्य है| वही संत है|
सभी बुराइयों से दूर रहने के लिए, अच्छाई का विकास कीजिए और अपने मन में अच्छे विचार रखिये-बुद्ध आपसे सिर्फ यही कहता है|
अगर व्यक्ति से कोई गलती हो जाती है तो कोशिश करें कि उसे दोहराऐं नहीं, उसमें आनन्द ढूँढने की कोशिश न करें, क्योंकि बुराई में डूबे रहना दुःख को न्योता देता है। ]
कम बोलने और अधिक सुनने का संकल्प लीजिए, सिर्फ बोलने से कभी किसी ने कुछ नहीं सीखा|
“उसने मेरा अपमान किया, मुझे कष्ट दिया, मुझे लूट लिया”-जो व्यक्ति जीवन भर इन्हीं बातों को लेकर शिकायत करते रहते हैं, वे कभी भी चैन से नहीं रह पाते, सुकून से वही व्यक्ति रहते हैं जो खुद को इन बातों से ऊपर उठा लेते हैं|
-गौतम बुद्ध
दे ऐसा आशीष मुझे माँ आँखों का तारा बन जाऊं
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (22-05-2016) को "गौतम बुद्ध का मध्यम मार्ग" (चर्चा अंक-2350) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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बुद्ध पूर्णिमा की
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आदरणीय शास्त्री जी महात्मा बुद्ध के अनमोल वचनों को उद्धृत करती हुयी ये पोस्ट आप को अच्छी लगी और आपने इसे चर्चा मंच पर स्थान दिया देखकर ख़ुशी हुयी
ReplyDeleteआभार
भ्रमर ५
आभार
ReplyDeleteराकेश भाई जय श्री राधे ..महात्मा बुद्ध के वचन आप को आकर्षित कर सके ख़ुशी हुयी
ReplyDeleteआप का स्वागत है
भ्रमर ५