BHRAMAR KA DARD AUR DARPAN

Saturday, December 3, 2011

देव-आनंद जी हमारे प्रिय अभिनेता को श्रद्धांजलि


देव-आनंद जी हमारे प्रिय अभिनेता को श्रद्धांजलि
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( फोटो साभार गूगल/नेट से )
देव आनंद हमारे सदा बहार भारतीय सिनेमा के रोमांटिक नायक कल शनिवार की रात्रि में हृदयाघात के कारण हमें छोड़ कर चले गए सदा सदा के लिए हमसे दूर ..जो की ८८ वर्ष हमारे बीच हँसते मुस्कुराते रहे …..
दुनिया से जाने वाले जाने चले जाते हैं कहाँ ….???
हमारे प्रिय देव आनंद जी जो की कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे अपने पुत्र सुनील के साथ लन्दन अपने स्वास्थ्य की जांच के लिए गए हुए थे
देव आनंद जी ने १९४६ में हम एक हैं से नायक की भूमिका से हमारे बीच आये और जिद्दी जब १९४७ में आई तो सुपर स्टार बन गए थे इस के बाद तो उन्होंने कभी मुड़कर पीछे नहीं देखा ! उनके द्वारा मुख्य अभिनीत फ़िल्में पेईंग गेस्ट , बाजी , ज्वेल थीफ ,सी आई दी , जनि मेरा नाम, आमिर-गरीब , वारंट, हरे रामा हरे कृष्णा ,और देश परदेश आदि थीं !
हमारे प्रिय देव आनंद जी को भारतीय सिनेमा में अद्भुत योगदान के लिए पद्म भूषण पुरस्कार से २००१ में नवाजा गया था और २००२ में इन्हें दादा साहब फाल्के पुरस्कार भी दिया गया था !
बाद में देव जी ने १९४९ में फिल्म बनाना शुरू किया नवकेतन इंटर नेशनल के नाम से -और लगभर ३५ सिनेमा बनाये .
हम बचपन में सुनते थे की काली पोशाक और सूट पर इनके लिए प्रतिबन्ध लग गया था कलियाँ फूल सब इन पर निछावर- दीवाने थे ! ऐसे थे हमारे सदा-बहार इन के बोलने की अदा मुस्कुराने की अदा आज भी हमारे नैनों में समाई है !
काला पानी और गाईड में सुन्दर अभिनय के लिए उन्हें दो फिल्म फेयर पुरस्कार भी दिया गया जो आस्कर के समान है ! उस वर्ष गाइड फिल्म को सबसे अच्छी फिल्म और बेस्ट डाइरेक्टर के लिए चुन कर आस्कर के लिए भी भेजा गया था इस सिनेमा का अंग्रेजी रूपांतरण भी पर्ल के साथ मिल कर किया गया था गुड अर्थ के नाम से !
तत्पश्चात १९९३ में उन्हें फिल्म फेयर के लाइफ टाईम अचीवमेंट पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया और इसी के जैसा १९९६ में विडिओकान लाइफ टाईम अचीवमेंट पुरस्कार दिया गया !
फिर बाद में विदेशों में भी अमेरिकन फिल्म प्रोजेक्ट के सांग आफ लाइफ के लिए भी वे कार्यरत थे !
देव आनंद जी अपने तीन भाइयों में से दूसरे थे जो हिंदी सिनेमा के लिए न्योछावर थे ! उनके दो और भाई चेतन आनंद और विजय आनंद हैं ! शेखर कपूर की माता शील कांता कपूर उनकी बहन हैं!
इन के द्वारा अभिनीत फिल्मों के गाने मन छू हमें भी सदा बहार बना जाते हैं ………
दीवाना मस्ताना हुआ दिल
धीरे धीरे चल चाँद
गाता रहे मेरा दिल
है अपना दिल तो आवारा न जाने किस पे ..
जाएँ तो जाएँ कहाँ ..
जीवन के सफ़र में राही मिलते हैं बिछड़ जाने को ..
खोया खोया चाँद खुला आसमान
कोई सोने के दिल वाला
मै जिन्दगी का साथ निभाता चला गया
माना जनाब ने पुकारा नहीं
फूलों के रंग से …
ऐसे तो ना देखो …
मेरा मन तेरा प्यासा …
दिन ढल जाए हाय रात न ..
और शोखियों में घोला जाए थोडा सा शबाब उसमे फिर मिलायी जाए …
तो आइये हमारे प्रिय दोस्तों इन्हें दिल से श्रद्धा सुमन अर्पित करें प्रभु इनकी आत्मा को भी सदा सदा के लिए सदा बहार रखे और इन के परिवार जनों ले लिए हम प्रभु से दुवाएं करे की इस बिछड़ने की घडी को सहते हुए वे उनके द्वारा दिए अनूठे योगदान को इस समाज के लिए और पोषित करें …



पल भर के लिए कोई हमें प्यार कर ले झूठा ही सही …


हरी ॐ तत-सत
भ्रमर ५


दे ऐसा आशीष मुझे माँ आँखों का तारा बन जाऊं

14 comments:

  1. दूर चला गया एक सितारा

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  2. समय सन्दर्भ की अत्यावश्यक प्रस्तुति, आभार.

    कृपया मेरी नवीन प्रस्तुतियों पर पधारने का निमंत्रण स्वीकार करें.

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  3. देवानन्द जी को विनम्र श्रद्धांजलि!

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  4. देवानन्द जी को विनम्र श्रद्धांजलि!

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  5. देब जी के बारे में विस्तृत जानकारी..ईश्वर उनकी आत्मा को शान्ति दे..

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  6. विनम्र श्रद्धांजलि!

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  7. प्रिय संदीप जी सच में वो सदाबहार सितारा दूर हो गया अब गगन से चमकेगा
    भ्रमर ५

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  8. आदरणीय यस यन शुक्ल जी देव जी आज तक सदा हँसते मुस्कुराते कार्य रत ही रहे थे

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  9. संजय भाई देव आनंद जी एक सदा बहार अभिनेता और जोशो खरोश वाले थे उन्हें श्रद्धांजलि दे हम आइये कला का मान रखें
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  10. प्रिय प्रेम सिंह जी देव आनंद जी को आप ने श्रद्धा सुमन अर्पित किया कला का मान बढाया अच्छा लगा
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  11. आदरणीया महेश्वरी जी देव आनंद जैसी शख्शियत को सदा याद रखा जाएगा उन्होंने हमारे भारतीय फिल्म को बहुत कुछ दे समाज को भी सिखाया है ..
    समर्थन के लिए आभार
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  12. दिव्या जील जी देव जी तो हमसे दूर हो गए अब उन्हें श्रद्धा सुमन कर उन जैसा हौंसले वाला बन आइये अंत तक कुछ करते चलें
    आभार
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  13. देव जैसी शक्सियत कभी कभी दुनिया में जन्म लेती है ... श्रधांजलि है हमारी ....

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  14. प्रिय दिगम्बर जी अभिवादन सच कहा आप ने --अच्छाई और कला को सम्मान देने वाले सदाबहार बहुत कम ही होते हैं ...आइये कला का मान बढ़ाते चलें
    आभार
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दे ऐसा आशीष मुझे माँ आँखों का तारा बन जाऊं
अभिनन्दन आप का ,हिंदी बनाने का उपकरण ऊपर लगा हुआ है -आप की प्रतिक्रियाएं हमें ऊर्जा देती हैं -शुक्ल भ्रमर ५