tag:blogger.com,1999:blog-741081038972826577.post6946735963993011948..comments2024-03-04T01:29:16.625-08:00Comments on BHRAMAR KA DARD AUR DARPAN: तुलसी गीता रंक वास मेंSurendra shukla" Bhramar"5http://www.blogger.com/profile/11124826694503822672noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-741081038972826577.post-77625539079137064162012-03-02T10:04:16.616-08:002012-03-02T10:04:16.616-08:00आदरणीय शास्त्री जी रचना में सटीक भाव दिखे और आप को...आदरणीय शास्त्री जी रचना में सटीक भाव दिखे और आप को ये प्रभु से प्रार्थना प्यारी लगी सुन ख़ुशी हुयी <br />आभार <br />भ्रमर ५Surendra shukla" Bhramar"5https://www.blogger.com/profile/11124826694503822672noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-741081038972826577.post-23188297318793433932012-03-02T10:03:01.334-08:002012-03-02T10:03:01.334-08:00प्रिय उदयवीर जी अभिवादन और अभिनन्दन आप का यहाँ पर ...प्रिय उदयवीर जी अभिवादन और अभिनन्दन आप का यहाँ पर अपना स्नेह बनाए रखें ..<br />प्रभु से प्रार्थना में आप शामिल हुए बहुत सुन्दर उद्गार आप के काश सब प्रभु से ऐसा ही गुहार लगायें <br />जय श्री राधे <br />भ्रमर ५Surendra shukla" Bhramar"5https://www.blogger.com/profile/11124826694503822672noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-741081038972826577.post-25441192413171388642012-03-01T19:12:12.302-08:002012-03-01T19:12:12.302-08:00भाव भरा उद्दगार संस्तुति करता है प्रभु -मय हो...भाव भरा उद्दगार संस्तुति करता है प्रभु -मय होने का , प्रभु से याचना सुखद संदेस है प्रभु के सानिध्य का .... साधुवाद जी /udaya veer singhhttps://www.blogger.com/profile/14896909744042330558noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-741081038972826577.post-53198643267533427272012-03-01T06:27:15.907-08:002012-03-01T06:27:15.907-08:00बहुत सार्थक और सटीक अभिव्यक्ति!बहुत सार्थक और सटीक अभिव्यक्ति!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-741081038972826577.post-35207810407665278942012-03-01T01:06:13.834-08:002012-03-01T01:06:13.834-08:00प्रिय रविकर जी जय श्री राधे बहुत खूब सुन्दर प्रार्...प्रिय रविकर जी जय श्री राधे बहुत खूब सुन्दर प्रार्थना प्रभु अपने चारों हाँथ छिपाए हुए हैं न जाने कहाँ खोये हैं आओ प्रभु...<br />भ्रमर ५Surendra shukla" Bhramar"5https://www.blogger.com/profile/11124826694503822672noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-741081038972826577.post-40135901126826894942012-02-29T21:36:56.881-08:002012-02-29T21:36:56.881-08:00सुनिए प्रभू पुकार, आर्तनाद पर शांत क्यूँ ।
हाथ आप...सुनिए प्रभू पुकार, आर्तनाद पर शांत क्यूँ ।<br /><br />हाथ आपके चार, क्या शोभा की चीज है ।<br /><br /><br />सारी दुनिया त्रस्त, कुछ पाखंडी लूटते ।<br /><br />भक्त आपके पस्त, बढती जाती खीज है ।।<br /><br /><br /> दिनेश की टिप्पणी - आपका लिंक<br /><br />http://dineshkidillagi.blogspot.inरविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.com