BHRAMAR KA DARD AUR DARPAN

Sunday, October 27, 2013

दुखी आत्मा


दुखी आत्मा
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दुखी आत्मा माँ धरती की चीख -चीख चिल्लाये
कोख हनन जो नारी शक्ति नींद भला कैसे आये
कुछ दुधमुहे पड़े कूड़े में कलुषित मुख वाले भागें
हाय पूतना आज भी जीवित मानव क्या होगा आगे
अधनंगे कुछ भीख मांगते घृणा क्रोध हिय भर आते
ज्वालामुखी भरे कुछ उर तो सोच सोच कुछ मर जाते
आओ जागें जान लगा दें कहें कुपोषण भारत छोड़े
खिल खिल हँसे सुमन नन्हे सब भारत क्यारी खिल जाए
कल की पीढ़ी ज्ञान शक्ति से संस्कृति परचम लहराए
दुखी न होगी आत्मा धरती तो आनन्द और आये
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दुखी आत्मा माँ धरती की चीख -चीख चिल्लाये
अन्धकार में डूबे हम सब करे निशाचर अब भी राज
बहन बेटियाँ नहीं सुरक्षित शिक्षित मानव है धिक्कार
लगा मुखौटे काल बना तू पूजा निज करवाता है
लोभ-मोह छल प्रेम फंसा के शोषण करता जाता है
कुछ दहेज़ की बलि बेदी पर कुछ जीते जी मर जाती
स्वर्ग धरा होता रे मूरख कई ‘कल्पना रच जातीं
आओ जागें समता ला दें जननी -जनक दुलारी पूजें
दुर्गा काली शारद लक्ष्मी ‘निज’ शक्ति हैं आओ पूजें
दुखी न होगी आत्मा धरती तो आनन्द और आये
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दुखी आत्मा माँ धरती की चीख -चीख चिल्लाये
भूखे पेट अभी कुछ सोते बिलखें बच्चे हाहाकार
फटे चीथड़े शरमाती माँ विकसित हम आती ना लाज
दीन दुखी को और सताते क्या नेता क्या साधू आज
मति-मारी, हैं भ्रष्टाचारी , न्याय प्रशासन सोता आज
सड़क खा गए पुल गिरता है सभी योजना मुंह की खाती
ईमां मरता कुछ कुढ़ यारों कल आये तेरी भी बारी
अभी सांस अपनी है बाकी ‘पूत’ आत्मा ले रच जाएँ
नाम हमारा रहे जुबाँ पर ईमां प्रेम-वृक्ष हरियाये
दुखी न होगी आत्मा धरती तो आनन्द और आये
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सुरेन्द्र कुमार शुक्ल ‘भ्रमर ५’
३. ५ ० -५.३ ५ पूर्वाह्न
१ ४ .१ ० .२ ० १ ३
कुल्लू हिमाचल भारत





दे ऐसा आशीष मुझे माँ आँखों का तारा बन जाऊं

14 comments:

  1. इस पोस्ट की चर्चा, मंगलवार, दिनांक :-29/10/2013 को "हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल {चर्चामंच}" चर्चा अंक -36 पर.
    आप भी पधारें, सादर ....राजीव कुमार झा

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  2. हमेशा की तरह गंभीर विषयों पर उम्दा रचना|
    आपकी प्रतिभा कों सलाम |

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  3. प्रिय राजीव भाई रचना के गम्भीर भावों को आप ने समझा और सराहा इस को हिंदी ब्लागर्स चौपाल चर्चा मंच पर ले गए बड़ी ख़ुशी हुयी आभार
    भ्रमर५

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  4. प्रिय धीरेन्द्र भाई रचना को आप ने सराहा बड़ी ख़ुशी हुयी आभार
    भ्रमर५

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  5. प्रिय अजय जी रचना के दुःख दर्द को आप ने समझा और रचना को आप ने सराहा बड़ी ख़ुशी हुयी आभार
    भ्रमर५

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  6. आदरणीया राजेश कुमारी जी रचना के गहन भावों और समाज के दर्द को आप ने समझा और रचना को आप ने सराहा चर्चा मंच के लिए चुना बड़ी ख़ुशी हुयी आभार
    भ्रमर५

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  7. आदरणीया राजेश कुमारी जी रचना के गहन भावों और समाज के दर्द को आप ने समझा और रचना को आप ने सराहा चर्चा मंच के लिए चुना बड़ी ख़ुशी हुयी आभार
    भ्रमर५

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  8. समाज के दुःख दर्द को उकेरती सटीक रचना -बहुत सुन्दर !
    नई पोस्ट सपना और मैं (नायिका )

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  9. बहुत ही सटीक भावो को शब्दों का रूप दिया है .........

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  10. आदरणीय कालीपद जी रचना samaj ke dukh dard ko uuker saki likhna saarthk raha aabhar protsahn hetu
    bbhramar5

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  11. आदरणीया डॉ संध्या जी रचना आप के मन को प्रभावित कर सकी सुन ख़ुशी हुयी आभार
    भ्रमर5

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  12. आदरणीया डॉ संध्या जी रचना आप के मन को प्रभावित कर सकी सुन ख़ुशी हुयी आभार
    भ्रमर5

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दे ऐसा आशीष मुझे माँ आँखों का तारा बन जाऊं
अभिनन्दन आप का ,हिंदी बनाने का उपकरण ऊपर लगा हुआ है -आप की प्रतिक्रियाएं हमें ऊर्जा देती हैं -शुक्ल भ्रमर ५