BHRAMAR KA DARD AUR DARPAN

Thursday, October 10, 2013

खुश्बू फ़िज़ा में बिखरी (तेरा चेहरा )

प्रिय मित्रों इस रचना ' तेरा चेहरा  " को आज १४.१०.२०१३ के दैनिक जागरण अखबार के कानपुर रायबरेली उ. प्रदेश के संस्करण में स्थान मिला

' तेरा चेहरा  ' को आप सब का स्नेह और जागरण जंक्शन का प्यारा मिला ख़ुशी हुयी

आभार
सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर ५
प्रतापगढ़ भारत

खुश्बू फ़िज़ा में  बिखरी 
=================



चेहरा तुम्हारा पढ़ लूँ
पल भर तो ठहर जाना 
नैनों की भाषा क्या है 
कुछ गुनगुना सुना-ना 
-------------------------
आईना जरा मै  देखूँ 
क्या मेरी छवि बसी है 
इतना कठोर बोलने को 
कसमसा रही है …….
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आँखों में  आँखें डाले 
मै मूर्ति बन गया हूँ
पारस पारस सी हे री !
तू जान डाल जा ना
------------------------
खिलता गुलाब तू है 
कांटे भी तेरे संग हैं 
बिन खौफ मै ‘भ्रमर’ हूँ 
खिदमते-इश्क़ पेश आ ना 
------------------------------
खुश्बू फ़िज़ा मे बिखरी 
मदमस्त है पवन भी 
अल्हड नदी यूँ दामन- 
को छेड़ती तो न जा 
-------------------------
अम्बर कसीदाकारी 
अद्भुत नये रंगों से 
बदली है खोले घूँघट
कुछ शेर गुनगुनाना 
-----------------------
सपने सुहाने दे के 
बिन रंगे चित्र ना जा 
ले जादुई नजर री !
परियों सी उड़ के ना जा 
---------------------------
"मौलिक व अप्रकाशित" 
सुरेन्द्र कुमार शुक्ल 'भ्रमर'५
प्रतापगढ़
वर्तमान -कुल्लू हि . प्र.
09.10.2013
10.15-11.00 P.M.


दे ऐसा आशीष मुझे माँ आँखों का तारा बन जाऊं

16 comments:

  1. बहुत सुन्दर रचना |

    मेरी नई रचना :- मेरी चाहत

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  2. बहुत सुन्दर |
    लेटेस्ट पोस्ट नव दुर्गा

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  3. बहुत सुन्दर आ.भ्रमर जी .
    नई पोस्ट : मंदारं शिखरं दृष्ट्वा
    नई पोस्ट : प्रिय प्रवासी बिसरा गया
    नवरात्रि की शुभकामनाएँ .

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  4. खुश्बू फ़िज़ा मे बिखरी
    मदमस्त है पवन भी
    अल्हड नदी यूँ दामन-
    को छेड़ती तो न जा ,,

    वाह वाह ! बहुत सुंदर अभिव्यक्ति...!
    नवरात्रि की शुभकामनाएँ ...!

    RECENT POST : अपनी राम कहानी में.

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  5. खुश्बू फ़िज़ा मे बिखरी -(में बिखरी )
    मदमस्त है पवन भी
    अल्हड नदी यूँ दामन-
    को छेड़ती तो न जा

    बहुत सुन्दर दोस्त !नैनों की भाषा नैन ही जानें ,और न जाने कोय .

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  6. आभार सुधार की तरफ इशारे के लिए ...और प्रोत्साहन हेतु राम राम भाई
    भ्रमर ५

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  7. भावो का सुन्दर समायोजन......

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  8. नमस्कार आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (13-10-2013) के चर्चामंच - 1397 पर लिंक की गई है कृपया पधारें. सूचनार्थ

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  9. प्रेम की सुंदर और सार्थक अभिव्यक्ति
    उत्कृष्ट प्रस्तुति
    बधाई

    आग्रह मेरे ब्लॉग में भी समल्लित हों
    पीड़ाओं का आग्रह---
    http://jyoti-khare.blogspot.in

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  10. बहुत सुन्दर प्रस्तुति
    और हमारी तरफ से दशहरा की हार्दिक शुभकामनायें

    How to remove auto "Read more" option from new blog template

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  11. अल्हड पवन तो मस्ती भर जाती है ...
    भावपूर्ण सुन्दर छंद हैं सभी ...
    दशहरा की मंगल कामनाएं ...

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  12. प्रिय मित्रों इस रचना ' चेहरा तुम्हारा पढ़ लूं " को आज १४.१०.२०१३ के दैनिक जागरण अखबार के कानपुर रायबरेली उ प्रदेश के संस्करण में स्थान मिला

    ' चेहरा तुम्हारा ' को आप सब का स्नेह और जागरण जंक्शन का प्यारा मिला ख़ुशी हुयी

    आभार
    सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर ५
    प्रतापगढ़ भारत
    =================

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  13. सपने सुहाने दे के
    बिन रंगे चित्र ना जा
    ले जादुई नजर री !
    परियों सी उड़ के ना जा
    bahut sunder bhav hai
    badhai aapko
    rachana

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  14. कुछ मित्रों ने कुछ पंक्तियाँ बदलने की बात कही निम्न कैसे लगी अपनी राय दें


    आईना जरा मै देखूँ
    क्या मेरी छवि बसी है
    कोमल-कठोर बोल तू
    पलकें उठा , शरमा-ना

    अम्बर कसीदाकारी
    धरती पे छवि है न्यारी
    बदली है खोले घूँघट
    लव खोल कुछ सुना-ना ..

    भ्रमर ५

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दे ऐसा आशीष मुझे माँ आँखों का तारा बन जाऊं
अभिनन्दन आप का ,हिंदी बनाने का उपकरण ऊपर लगा हुआ है -आप की प्रतिक्रियाएं हमें ऊर्जा देती हैं -शुक्ल भ्रमर ५