BHRAMAR KA DARD AUR DARPAN

Wednesday, October 31, 2012

मै भी अभी जिन्दा हूँ !!


मै भी अभी जिन्दा हूँ !!
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तीव्र झोंके ने पर्दा उड़ा दिया
सारे बाज -इकट्ठे दिखा दिया
चालबाज, कबूतरबाज , दगाबाज
अधनंगे कुछ कपडे पहनने में लगे
दाग-धब्बे -कालिख लीपापोती में जुटे
माइक ले बरगलाने नेता जी आये
जोकर से दांत दिखा हँसे बतियाये
“ये मंच अब हमारा है” खेती है हमारी
हम ‘मालिक’ हैं पैसे पेड़ पर नहीं उगते
चाहे हम भांग बोयें कैक्टस लगायें
थाली लोटे लंगोटी गिरवी रख आयें
उत्पादन दिखाएँ रोजगार के अवसर बताएं
नहीं दस बीस को रोजगार भत्ता दिलाएं
सोचता हूँ कैसे घिघियाते तुमरे पीछे हम धाये
नोट दे वोट को हम खरीद के लाये
तुम दर्शक हो सड़े टमाटर अंडे जूते उछालो
पुतला बनाओ जलाओ मन शान्त कर जाओ
जिसकी लाठी उसकी भैंस समझ जो पाओ
आँख न दिखाओ हाड मांस जान तुम बचाओ
‘ये मंच हमारा है ‘ जूतम -जुत्ती   गुत्थम -गुत्थी
मूल अधिकार हमारा है जो हमें प्यारा है
भीड़ में दांत निपोरे खिखियाते उनके लोग
अंगारे सी आँखें बड़े बाज कबूतर का भोग
पतली गली से निकल राम लीला की ओर
मै चल पड़ा , सूर्पनखा रावण दुःशासन को छोड़
गांधी के बन्दर सा आँख मुंह कान बंद किये
बैठा हूँ- दुर्योधन-शकुनी मामा नहीं मरे
द्यूत क्रीडा जारी है युधिष्ठिर हारे हैं
कृष्ण नहीं विदुर नहीं सोच सोच कुढ़ता हूँ
चीख है पुकार है मै भी अभी जिन्दा हूँ !!
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सुरेन्द्र कुमार शुक्ल ‘भ्रमर ५’
२५.९.१२ कुल्लू यच पी
मंगलवार ७.१५-७.४९





दे ऐसा आशीष मुझे माँ आँखों का तारा बन जाऊं

15 comments:

  1. अब नियमित हुआ जाए-
    अच्छी प्रस्तुति |
    आभार ||

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  2. बेहतरीन अभिव्यक्ति...

    सादर
    अनु

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  3. खुबसूरत शब्द दिए है अपने.....

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  4. समसामयिक कटाक्ष ....बेहतरीन रचना

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  5. वाह .. बहुत ही बढिया।

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  6. बहुत बढ़िया रचना |
    मेरे ब्लॉग में भी आएं, जुड़ें और अपनी राय दें |
    मेरा काव्य-पिटारा

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  7. समसामयिक कटाक्ष युक्त गहन अभिव्यक्ति....

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  8. बहुत ही बेहतरीन अभिव्यक्ति...

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  9. सुंदर प्रस्तुति ...

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  10. बहुत बढ़िया अभिव्यक्ति !
    ~सादर !

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  11. आदरणीया अनीता जी जय श्री राधे रचना पर आपसे प्रोत्साहन मिला ख़ुशी हुयी आशा है सब कुशल मंगल ..न जाने दुष्टों की दुष्टता पर कभी लगाम लग पाएगी या नहीं ?
    भ्रमर 5

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  12. आदरणीय शास्त्री जी आप सभी को करवा चौथ की हार्दिक शुभ कामनाएं जय श्री राधे रचना को चर्चा मंच पर स्थान देने के लिए और आप सब से प्रोत्साहन मिला ख़ुशी हुयी आशा है सब कुशल मंगल ..न जाने दुष्टों की दुष्टता पर कभी लगाम लग पाएगी या नहीं ?
    भ्रमर 5

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  13. आदरणीया सुमन 'मीत' जी बहुत बहुत आभार रचना पसंद करने और प्रोत्साहन देने के लिए
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  14. आदरणीय रविकर जी आदरणीय अनु जी , सुषमा आहुति जी, सदा जी , रीना जी, श्री प्रकाश जी, डॉ मोनिका जी, धीरेन्द्र जी आप सभी का हार्दिक अभिनन्दन और आभार आप सब से स्नेह मिला इस रचना पर मन खुश हुआ काश हमारी जनता इस पर मनन करे तो आनंद और आये
    भ्रमर 5

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दे ऐसा आशीष मुझे माँ आँखों का तारा बन जाऊं
अभिनन्दन आप का ,हिंदी बनाने का उपकरण ऊपर लगा हुआ है -आप की प्रतिक्रियाएं हमें ऊर्जा देती हैं -शुक्ल भ्रमर ५