BHRAMAR KA DARD AUR DARPAN

Friday, October 26, 2012

ईद मुबारक


(फोटो साभार गूगल नेट से लिया गया )

हमारे   सभी  मित्र मण्डली और प्यारे बंधुओं को ईद मुबारक हो. 

आओ कुछ ऐसा करें जिससे जीवन निखरे 

त्याग और वलिदान रहे पर जीवन नित ही सुधरे 

त्योहारों का रंग सदा ही कुछ खुशियाँ ले आये 

सभी ख़ुशी हों नहीं कष्ट हो गले मिलाने आये 

जैसे होली और दीवाली अद्भुत रंग दिखाए 

वैसे ही ये ईद भी होवे दे सन्देशा जाए 


प्रिय चीजों का त्याग करें उस अनंत को मानें 

एक आसमां  तले सभी हम गूढ़ अर्थ पहचानें   


ईद की उस, सेवईं खुशबू सा हँसे प्यार हमारा,. 


इस ईद पे भी आओ मनाएं बेहतर हो संसार हमारा,

इन लीडरों की चाल में उलझे न मोहब्बत

विश्वास का सम्बन्ध हो आधार हमारा.

आइये हम सब एक हो कर एक जुटता लायें समाज में अन्याय कदाचार भ्रष्टाचार को मिटायें किसी के बहकावे में कभी न आयें प्रभु एक है हम चाहे उस एक का जितना नाम दें जिस रूप में भी मानें परम पिता गुरु पैगम्बर ईसा मसीह  कुछ भी एक ही सत्ता है एक ही जग का नियंता है जो हमारी सोच से परे है जो कारक है और निवारक है !


हर धर्म हमें अच्छा ही सिखाता है सद्बुद्धि ही देता है ये त्यौहार भी त्याग और बलिदान का अद्भुत परिचायक है आइये हम सब सभी  धर्मों से कुछ सीख लें मानवता को मानें इंसानियत को जगाएं नेकी करें और हमेशा बदी  से डरें !


भ्रमर 5
27.10.2012
12.22 मध्याह्न

दे ऐसा आशीष मुझे माँ आँखों का तारा बन जाऊं

16 comments:

  1. ये सिवईयो की ईद नही है जनाब

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  2. एक नियंता विश्व का, वो ही पालनहार ।

    मानव पर करता रहे, अदल बदल व्यवहार ।

    अदल बदल व्यवहार, हार को जीत समझता ।

    मेरा तेरा ईश, करे बकवाद उलझता ।

    समझ धर्म का मूल, नहीं कर तू नादानी ।

    झगडे झंझट छोड़, बोल ले मीठी वाणी ।।

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  3. मनु त्यागी जी बहुत सुन्दर छवियाँ हैं आप के ब्लॉग पर ...साथ ही कुछ शब्द इस मनोरम दृश्य के विषय में लिख दिया करें तो आनंद और आये ...
    उपमा हम ईद या बकरीद की अच्छी चीजों से दें कुछ अच्छा बताएं सुझाएँ तो ठीक होगा ....
    भ्रमर५

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  4. समझ धर्म का मूल, नहीं कर तू नादानी ।

    झगडे झंझट छोड़, बोल ले मीठी वाणी ।।
    प्रिय रविकर जी जय श्री राधे ...बहुत सुन्दर शब्द आप के काश लोग ऐसे ही रास्ते चुनें विवाद और घृणा में न पड़ें त्योहारों को अच्छा रंग दिया जाए तो आनंद और आये
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  5. प्रिय रविकर जी आभार आप का आप ने सुन्दर वचन कहे काश सभी ऐसे ही मानें जाने गले मिलें तो ईद का आनंद और आये इस सुन्दर बनायें लोग ...
    भ्रमर ५

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  6. एकहू ओंकार .अल्लाह कहो या मसीह या कहो परमात्मा .बहुत बढ़िया सन्देश देती ईद पर ख़ास रचना .ईद मुबारक .

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  7. आप को भी ईद की मुबारकवाद शास्त्री जी ...
    सब मंगलमय हो
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  8. आदरणीय वीरेन्द्र जी जय श्री राधे बहुत सुन्दर वचन आप के काश लोग उस अनंत को मन से माने उससे प्रेम करें और समता मानवीयता में ध्यान लगाएं
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  9. सभी धर्मो का करना आदर ...समर्पित किया आपने सादर ...

    सबके ह्रदय में बसे सर्व धर्म सम भाव .. तो कोई क्यों दिखावे ताव ..

    ........बधाई

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  10. बहुत सुंदर संदेश देती समर्पित रचना,,,,

    RECENT POST LINK...: खता,,,

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  11. बहुत सुंदर संदेश देती समर्पित रचना,,,,

    RECENT POST LINK...: खता,,,

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  12. प्रिय सूर्य कान्त जी सच कहा आप ने सम भाव तो बहुत जरुरी है यदि ऐसा हो जाए तो ताव गुस्से ki बात ही नहीं प्रेम परवान चढ़े मानवता बढे
    आभार
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  13. आदरणीय धीरेन्द्र जी रचना पर आप का समर्थन मिला ख़ुशी हुयी आभार समभाव होना बहुत जरुरी है
    जय श्री राधे
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  14. सही है - हर धर्म सिखाता है सबसे मिल-जुल कर रहना।

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  15. धन्यवाद और आभार मनोज जी ..हमें समभाव रखना और हर धर्म को समझ के चलना जरुरी है सब का आदर हो अच्छी चीजों को ग्रहण किया जाए
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दे ऐसा आशीष मुझे माँ आँखों का तारा बन जाऊं
अभिनन्दन आप का ,हिंदी बनाने का उपकरण ऊपर लगा हुआ है -आप की प्रतिक्रियाएं हमें ऊर्जा देती हैं -शुक्ल भ्रमर ५