BHRAMAR KA DARD AUR DARPAN

Friday, February 10, 2012

हे वोटर महराज वोट दो




दूल्हा -दुल्हन राजा रानी
आज के दिन वोटर महराज
हम नेतवन हैं प्रजा तुम्हारी
झाड़ू पानी साफ़ सफाई
सभी करेंगे तेरे काज !
———————————
घोडा -घोड़ी नहीं पालकी
आ हमरे सिर काँधे बैठो
जब तक ठप्पा नहीं हो मारे
संग घूमो खाओ सब रस लो
पाँव बिवाई और पसीना
कुढ़ते रोते फिर तू चल दो
————————————-
हे वोटर महराज वोट दो
गंगा तभी खुदायेंगे
करें भागीरथ काम तभी तो
तेरी प्यास बुझाएंगे
भीष्म सा तीरों तुझे लिटा के
छाती तीर चलाएंगे
कुछ जो शेष रहा पानी तो
हरिद्वार ले जायेंगे !
———————————
गाँव गली हर ओर सडक ज्यों
बह-बह जी जंजाल हुयी
ऐसे ही दस – बीस के पैसे ले दे भाई
रफू मरम्मत करवाएंगे
वाहन कमर टूट जाए तो
अस्पताल खुलवायेंगे
———————————-
झगडू चाचा ना कर चिंता
“देखा” हमने तेरी गरीबी
बिटिया हुयी जवान
बिटिया की शादी में तेरे
दस-दस नोट चढ़ाएंगे
सौ चमचों के संग में आकर
दस हजार खा जायेंगे
————————————
दो सौ बच्चे प्रायमरी में अध्यापक दो एक
मेरे चमचे मल-खनवा से
“नर्सरी ” एक खुलवायेंगे
कान मरोड़े गुरुदेवों के
जेब भरे हम जायेंगे
k2415959





(फोटो साभार याहू / नेट से )

बंद करा -स्कूल-गिरा जो
काम करेंगे नेक !
————————————
सब प्रधान पञ्च से मिल के
हाथ पैर ऊँगली की सारी  
ठप्पा- कागज लगवाएंगे
ऐसे रोजगार गारंटी
चालू और करायेंगे !
———————————–
रोटी दारु साडी कम्बल
पांच साल में ले जाओ
अपने क्षेत्र से जो हमें जिताए
अजगर से तुम बैठ के खाओ
नहीं तो गर्मी आग लगे है
खेत बगीचा खलिहान सब
झोपडपट्टी चलो बचाओ !
——————————————
सुरेन्द्र शुक्ल भ्रमर
7.10-7.57 पूर्वाह्न
6.2.2012
कुल्लू यच पी



दे ऐसा आशीष मुझे माँ आँखों का तारा बन जाऊं

13 comments:

  1. चुनाव के समय जो चाहो वह मिलेगा...बहुत सटीक प्रस्तुति...

    ReplyDelete
  2. व्यवस्था की व्यथा लिए सटीक पंक्तियाँ

    ReplyDelete
  3. अभी तो सब मिल जायेगा दवा या दारू कुछ भी ..मगर इसकी वसूली अगले ५ सालो तक हमारा खून चूस कर होगी..

    ReplyDelete
  4. आदरणीय कैलाश जी अभिवादन चुनाव के समय का दर्द और व्यथा सही तरीके से ये रचना कह सकी सुन ख़ुशी हुयी
    आभार आप का
    भ्रमर ५

    ReplyDelete
  5. आदरणीया मोनिका जी व्यवस्था की व्यथा झलकी इसमें काश हमारे लोग जागें ....होश सम्हालें तो अब भी कुछ बने बात ...
    आभार
    भ्रमर ५

    ReplyDelete
  6. प्रिय आशुतोष जी सच कहा आपने काश ऐसा हमारे मतदाता भगवान् लोग समझें और कुछ करें अपने द्वार से कुत्ते सा हांक दें तब आनंद और आये ..
    भ्रमर ५

    ReplyDelete
  7. khoob chutki lee hai aapne...baaton baaton me khub teekhe prahar ...behtarin kriti ke liye sadar badhayee

    ReplyDelete
  8. सार्थक प्रस्तुति !..

    ReplyDelete
  9. बहुत बेहतरीन....
    मेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है।

    ReplyDelete
  10. प्रिय डॉ आशुतोष मिश्र जी अभिवादन ..ये तीखे प्रहार काश जनता करे तो आनंद और आये ..हम आप तो चुटकी ही बस ..
    आभार
    जय श्री राधे
    भ्रमर५

    ReplyDelete
  11. आदरणीय प्रेम जी और शान्ति जी अभिवादन ..रचना आप के मन को छू सकी सुन हर्ष हुआ लिखना सार्थक रहा
    आभार
    जय श्री राधे
    भ्रमर५

    ReplyDelete
  12. आदरणीय प्रेम जी और शान्ति जी अभिवादन ..रचना आप के मन को छू सकी सुन हर्ष हुआ लिखना सार्थक रहा
    आभार
    जय श्री राधे
    भ्रमर५

    ReplyDelete
  13. आदरणीय प्रेम जी और शान्ति जी अभिवादन ..रचना आप के मन को छू सकी सुन हर्ष हुआ लिखना सार्थक रहा
    आभार
    जय श्री राधे
    भ्रमर५

    ReplyDelete

दे ऐसा आशीष मुझे माँ आँखों का तारा बन जाऊं
अभिनन्दन आप का ,हिंदी बनाने का उपकरण ऊपर लगा हुआ है -आप की प्रतिक्रियाएं हमें ऊर्जा देती हैं -शुक्ल भ्रमर ५