BHRAMAR KA DARD AUR DARPAN

Monday, December 19, 2011

अपनी अर्थी अपने काँधे


अपनी अर्थी अपने काँधे 
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चार दिन की इस यात्रा  में मैंने 
बहुत से बीज बोये -वृक्ष रोपे 
लेकिन कांटेदार 
बेर, बबूल, नागफनी , कैक्टस 
एक गुलाब भी 
रस भी पिलाया मैंने कितनों को 
मधुशाला में ले गया 
मधु भी पिलाया किसी एक को 
शादियाँ कितनी बेटियों की करायी मैंने 
सूरदास से , कालिदास से 
राजकुवर और गरीबदास से 
ईमानदार और सज्जन से -किसी एक की 
मैदान--जंग में 
कितनो को लड़ाया  
-घरों   में शाही   के कांटे   खोंस  -खोंस के  
लंगोट पहनाया -अखाड़े बनवाया 
जिताया- ताज पहनाया किसी एक -कर्मवान को 
सब जगह पहुंचा मै हाजिरी लगाया 
नोचा खाया 
भीड़ में , क्रिया- कर्म में , मुंडन में 
उस अकाल में दो कौर मैंने 
उसको खिलाया -शीतल जल पिलाया 
पालथी लगाया 
फिर लम्बी साँसे भर -समाधी लगाया 
अपनी अर्थी अपने काँधे पे उठायाजलाया
 श्वेत वसन धर अधनंगा -दाढी मूंछें रखा 
एक हांडी उस वृक्ष की दाल पर लटकाया 
जमीन पर सोया -आया -जल डाला -गया 
आधा पेट खाया -मुंडन करा के 
शुद्ध हो गया 
सब को खिलाया 
लेकिन उन दस दिनों में मैंने 
दस जनम देखा- -बहुत रोया -बहुत हँसा
बच्चे सा !!
अपने- सपने
पाया -
एक गुलाब, मधु और मै , सज्जन-
दो कौर और मेरी आत्मा 
मेरे साथ रह गए 
मेरे सहचरी 
प्यारी 
मेरी ईमानदारी ...
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शुक्ल भ्रमर  
२४.११.११-.२१-.५१ पूर्वाह्न 
यच पी 



दे ऐसा आशीष मुझे माँ आँखों का तारा बन जाऊं

8 comments:

  1. आप की इस खास शैली का मैं हमेशा से ही प्रशंसक हूँ..कितने सुन्दर शब्दों में जीवन का वृतांत सुनाया आप ने..
    आशा है आप की सहचरी आप के साथ सर्वदा रहे..

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  2. Very Nice post our team like it thanks for sharing

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  3. बिल्कुल सही भाव उकेरा है... सुंदर रचना

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  4. प्रिय आशुतोष जी आभार आप की दुवाओं के लिए ..ईमानदारी को आप ने तवज्जो दिया ..आप की शुभ कामनाएं सर आँखों पर ये ही तो मेरी संपत्ति और जान है
    भ्रमर ५

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  5. थैंक्स ए लाट लेटेस्ट बालीवुड निउज जी
    भ्रमर ५

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  6. डॉ मोनिका शर्मा जी रचना आप के मन को छू सकी सुन ख़ुशी हुयी अपना स्नेह यों ही बनाये रखें
    भ्रमर ५

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  7. धीरेन्द्र जी अभिवादन इस पोस्ट के लिए कुछ आप की प्रतिक्रिया भी तो आनी चाहिए न ?
    भ्रमर ५

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दे ऐसा आशीष मुझे माँ आँखों का तारा बन जाऊं
अभिनन्दन आप का ,हिंदी बनाने का उपकरण ऊपर लगा हुआ है -आप की प्रतिक्रियाएं हमें ऊर्जा देती हैं -शुक्ल भ्रमर ५