BHRAMAR KA DARD AUR DARPAN

Friday, September 30, 2011

सूर्य जले पर देर तक

जय माता दी सभी प्रेमी गण ..बुद्धिजीवी और ईमान धर्म के संरक्षक ..प्रिय कवी व् लेखक बंधुओं को नवरात्री की हार्दिक शुभ कामनाएं आओ माँ दुर्गा के राक्षस विनाश के कार्य में सहयोग करते बढ़ते चलें ..जय हिंद

सूर्य जले पर देर तक
०१.१०.2011
आग लगी हर ओर है भाई
नहीं बुझाओ हवा दिए
देख तमाशा रीझ न सांई
तेरा मंदिर पास में !
हवा का रुख तो पलटेगा ही
चिंगारी दहकेगी ना तो
दब जायेंगे राख से
तूफाँ में सब ढह भी सकता
आये झंझावात भी
धूल नैन से बह जाएगी
दिल कोसे अभिशाप से
गर्मी तो जलते ही भागे
डर कर के बरसात से
पानी से हर दांव लगाये
पाए क्या ?? पूंछो दिल से आग के
माँ की ममता आँचल प्रिय का
जुदा रहा जो प्यार से
बन मिशाल तू ले मशाल ही
फूंके रावण -जन हो लेंगे साथ में
नदी सूख सकती है पल भर
पीले पत्ते पेड़ में
जला पथिक साधन -घन जब ना
सूर्य जले पर देर तक
निशा लाख तारे स्वागत कर
चाँद भरे आगोश में
दिनकर –दिन- चंदा के पीछे
दौड़े -रजनी -सूरज तपना छोड़े जब !!
सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर ५
यच  पी १.१०.2011

दे ऐसा आशीष मुझे माँ आँखों का तारा बन जाऊं

12 comments:

  1. बहुत सुन्दर भावपूर्ण रचना , बधाई

    navraatri parv mangalmay ho.

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  2. लाजवाब रचना ... आप पर माँ की कृपा बनी रहे ... जय माता दी ...

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  3. सुन्दर प्रस्तुती.....

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  4. प्रिय यस यन शुक्ल जी हार्दिक आभार आप का और आप सपरिवार को भी ढेर सारी शुभ कामनाएं नवरात्रि पर -माँ दुर्गा असीम सुख शांति प्रदान करें जय माता दी -
    प्रोत्साहन के लिए आभार
    भ्रमर ५

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  5. प्रिय दिगंबर भाई जय माता दी हार्दिक आभार आप का शुभ कामनाओं हेतु आप सपरिवार को भी ढेर सारी शुभ कामनाएं नवरात्रि पर -माँ दुर्गा असीम सुख शांति प्रदान करें
    प्रोत्साहन के लिए आभार
    भ्रमर ५

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  6. प्रिय सुषमा जी जय माता दी आप सपरिवार को ढेर सारी शुभ कामनाएं नवरात्रि पर -माँ दुर्गा असीम सुख शांति प्रदान करें
    प्रोत्साहन के लिए आभार
    भ्रमर ५

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  7. जय माता दी!
    आशा और उम्मीद से लवरेज़ इस रचना ने काफ़ी प्रेरित किया।

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  8. आदरणीय मनोज जी रचना में आशा और उम्मीद को आप ने सराहा मन खुश हुआ जय माता दी ..
    भ्रमर ५

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  9. भावपूर्ण रचना.....
    जय माता दी!

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  10. प्रिय अजय जी रचना आप के दिल को छू सकी सुन हर्ष हुआ
    अपना स्नेह बनाये रखें
    भ्रमर ५

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  11. डॉ वर्षा जी रचना भाव पूर्ण लगी और आप के दिल को छू सकी सुन हर्ष हुआ
    अपना स्नेह बनाये रखें
    भ्रमर ५

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दे ऐसा आशीष मुझे माँ आँखों का तारा बन जाऊं
अभिनन्दन आप का ,हिंदी बनाने का उपकरण ऊपर लगा हुआ है -आप की प्रतिक्रियाएं हमें ऊर्जा देती हैं -शुक्ल भ्रमर ५