जय माता दी सभी प्रेमी गण ..बुद्धिजीवी और ईमान धर्म के संरक्षक ..प्रिय कवी व् लेखक बंधुओं को नवरात्री की हार्दिक शुभ कामनाएं आओ माँ दुर्गा के राक्षस विनाश के कार्य में सहयोग करते बढ़ते चलें ..जय हिंद
सूर्य जले पर देर तक
०१.१०.2011
आग लगी हर ओर है भाई
नहीं बुझाओ हवा दिए
देख तमाशा रीझ न सांई
तेरा मंदिर पास में !
हवा का रुख तो पलटेगा ही
चिंगारी दहकेगी ना तो
दब जायेंगे राख से
तूफाँ में सब ढह भी सकता
आये झंझावात भी
धूल नैन से बह जाएगी
दिल कोसे अभिशाप से
गर्मी तो जलते ही भागे
डर कर के बरसात से
पानी से हर दांव लगाये
पाए क्या ?? पूंछो दिल से आग के
माँ की ममता आँचल प्रिय का
जुदा रहा जो प्यार से
बन मिशाल तू ले मशाल ही
फूंके रावण -जन हो लेंगे साथ में
नदी सूख सकती है पल भर
पीले पत्ते पेड़ में
जला पथिक साधन -घन जब ना
सूर्य जले पर देर तक
निशा लाख तारे स्वागत कर
चाँद भरे आगोश में
दिनकर –दिन- चंदा के पीछे
दौड़े -रजनी -सूरज तपना छोड़े जब !!
सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर ५
दे ऐसा आशीष मुझे माँ आँखों का तारा बन जाऊं
सूर्य जले पर देर तक
०१.१०.2011
आग लगी हर ओर है भाई
नहीं बुझाओ हवा दिए
देख तमाशा रीझ न सांई
तेरा मंदिर पास में !
हवा का रुख तो पलटेगा ही
चिंगारी दहकेगी ना तो
दब जायेंगे राख से
तूफाँ में सब ढह भी सकता
आये झंझावात भी
धूल नैन से बह जाएगी
दिल कोसे अभिशाप से
गर्मी तो जलते ही भागे
डर कर के बरसात से
पानी से हर दांव लगाये
पाए क्या ?? पूंछो दिल से आग के
माँ की ममता आँचल प्रिय का
जुदा रहा जो प्यार से
बन मिशाल तू ले मशाल ही
फूंके रावण -जन हो लेंगे साथ में
नदी सूख सकती है पल भर
पीले पत्ते पेड़ में
जला पथिक साधन -घन जब ना
सूर्य जले पर देर तक
निशा लाख तारे स्वागत कर
चाँद भरे आगोश में
दिनकर –दिन- चंदा के पीछे
दौड़े -रजनी -सूरज तपना छोड़े जब !!
सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर ५
यच पी १.१०.2011
दे ऐसा आशीष मुझे माँ आँखों का तारा बन जाऊं