BHRAMAR KA DARD AUR DARPAN

Wednesday, July 20, 2011

काहे खून तेरा प्यारे अब खौलता नहीं ---??



काहे खून तेरा प्यारे अब
खौलता नहीं —??
तोड़ लिया कोई फूल तुम्हारा
खाली हो गयी क्यारी
उजड़ जा रहा चमन ये सारा
गुल गुलशन ये जान से प्यारी
खुश्बू तेरे मन जो बसती
मिटी जा रही सारी
पत्थर क्यों बन जाता मानव
देख देख के दृश्य ये सारे
खींच रहा जब -कोई साड़ी
cheer-haran_6412
काहे खून तेरा प्यारे अब
खौलता नहीं —??
(फोटो साभार गूगल देवता /नेट से लिया गया )
————————–
साँप हमारे घर में घुसते
अंधियारे क्यों भटक रहा
जिस बिल से ये चले आ रहे
दूध अभी भी चढ़ा रहा ?
तू माहिर है बच भी सकता
भोला तो अब भी भोला है
दोस्त बनाये घूम रहा
उनसे अब भी प्यार जो इतना
बिल के बाहर आग लगा
बिल में ही रह जाएँ !
काट न खाएं !
इन भोलों को !!
लाठी क्यों ना उठा रहा ??
काहे खून तेरा प्यारे अब
खौलता नहीं —??
————————
तोड़-तोड़ के पत्थर दिन भर
बहा पसीना लाता
धुएं में आँखें नीर बहाए
आधा पका – बनाता
बच्चों को ही पहले देने
पत्तल जभी सजाता
मंडराते कुछ गिद्ध -बाज है
छीन झपट ले जाते
कल के सपने देख देख के
चुप क्यों तू रह जाता
काहे खून तेरा प्यारे अब
खौलता नहीं —??
—————————
शुक्ल भ्रमर ५
२०.०७.२०११ जल पी बी
८.५५ पूर्वाह्न
दे ऐसा आशीष मुझे माँ आँखों का तारा बन जाऊं

20 comments:

  1. खूबसूरत भाव सुन्दर रचना.

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  2. रचना के बिम्ब बहुत रोचक है शब्द संयोजन बहुत कमाल का खुबसूरत रचना

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  3. प्रिय यस यन शुक्ल जी रचना के भाव सुन्दर बने आज के परिदृश्य में जोश जगाने पर -प्रोत्साहन के लिए धन्यवाद

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  4. प्रिय संजय भाष्कर जी रचना में सामजिक परिदृश्य झलके और शब्द ठीक लगे सुन हर्ष हुआ

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  5. pehli baar aapke blog per aye hai sunder bhav ki rachnayenhai

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  6. मन को उद्वेलित करने वाली मार्मिक रचना.... आपको मेरी हार्दिक शुभकामनायें.

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  7. रोशी जी हार्दिक अभिनन्दन आप का हमारे अन्य ब्लाग पर भी आयें -सब का लिंक इस ब्लॉग में है जहाँ कुछ अन्य तरह की रचनाएँ हैं -रचना भायी सुन हर्ष हुआ
    समर्थन के लिए आभार -
    शुक्ल भ्रमर ५

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  8. डॉ वर्षां सिंह जी अभिवादन --काहे खून तेरा खुलता नहीं रचना ने आप के मन में जगह बनायीं सुन हर्ष हुआ ..
    भ्रमर ५

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  9. सुन्दर भाव से सजी शानदार रचना! बधाई!
    मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
    http://seawave-babli.blogspot.com

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  10. वर्तमान दशा का सटीक आकलन और यथार्थ का काव्यमय सुन्दर वैचारिक प्रस्तुतिकरण....

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  11. बबली जी अभिवादन रचना के भाव आप को अच्छे लगे सुन प्रसन्नता हुयी प्रोत्साहन के लिए धन्यवाद
    भ्रमर ५

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  12. आदरणीया डॉ ( मिस) शरद सिंह जी हार्दिक अभिवादन -रचना अभी के हालात के सटीक लगी -यथार्थ को काव्यमय रूप में आप ने देखा -समर्थन किया हर्ष हुआ
    आभार आप का
    भ्रमर ५

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  13. बहुत सुन्दर और मार्मिक रचना..मेरे ब्लांग में पधारने के लिय धन्यवाद...

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  14. आदरणीया महेश्वरी कानेरी जी अभिवादन आप का भी यहाँ पर रचना आप को अच्छी लगे सुन हर्ष हुआ
    स्वागत आप का
    भ्रमर ५

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  15. This is lull before storm. Nice post.

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  16. सुन्दर प्रस्तुति..

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  17. जगदीश बाली जी धन्यवाद आप का रचना पसंद करने के लिए आंधी को जगाने के लिए ये बच्चे सा कोमल गीत भी गाना पड़ता है
    आभार
    भ्रमर ५

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  18. अमरेन्द्र अमर जी रचना पसंद करने और प्रोत्साहन के लिए आभार
    भ्रमर५

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  19. josh ko jagati hui sundar rachna ,galat ko rokne ke liye ye jazba hona jaroori hai .

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  20. सम्माननीया ज्योति सिंह जी हार्दिक अभिवादन प्यारी प्रतिक्रिया आप की सच में अगर हमारा जोश और होश न रहे तो गलत होता रहेगा कोई और नहीं हम ही झेलते भी रहेंगे आइये सब मिल जहाँ भी हैं विरोध करें तीव्रता से -भ्रमर ५

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दे ऐसा आशीष मुझे माँ आँखों का तारा बन जाऊं
अभिनन्दन आप का ,हिंदी बनाने का उपकरण ऊपर लगा हुआ है -आप की प्रतिक्रियाएं हमें ऊर्जा देती हैं -शुक्ल भ्रमर ५